बिहार: जिलों के समग्र विकास पर राष्ट्रीय सम्मेलन का होगा आयोजन

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग एवं बिहार सरकार के संयुक्त तत्वावधान में “जिलों के समग्र विकास” पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। सम्मेलन में वर्ष 2023 एवं 2024 के प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्त और चयनित पहलों को प्रस्तुत किया जाएगा।

भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग एवं बिहार सरकार के संयुक्त तत्वावधान में 11–12 सितम्बर 2025 को पटना में “जिलों के समग्र विकास” पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। यह दो दिवसीय सम्मेलन भारत की पारदर्शी, समावेशी और परिवर्तनकारी शासन प्रणाली के संकल्प को प्रतिबिंबित करेगा। सम्मेलन में वर्ष 2023 एवं 2024 के प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्त और चयनित पहलों को प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही, विभिन्न राज्यों व जिलों की नवाचारपूर्ण उपलब्धियों तथा बिहार की नागरिक-केन्द्रित शासन संबंधी अग्रणी पहलों को भी प्रदर्शित किया जाएगा।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी करेंगे कार्यक्रम का उद्घाटन
इस कार्यक्रम का उद्घाटन आज गुरूवार को 1:30 बजे से 3:00 बजे के बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी करेंगे। स्वागत भाषण पुनीत यादव, अतिरिक्त सचिव, DARPG देंगे। मुख्य वक्ता के रूप में बिहार सरकार के विकास आयुक्त डॉ. एस. सिद्धार्थ, मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और DARPG के सचिव वी. श्रीनिवास उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्त पहलों (2024) पर आधारित एक फिल्म का विशेष प्रदर्शन भी किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह होंगे जो सभा को संबोधित करेंगे। विशेष अतिथि बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा हैं। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ होगा, जिसे बिहार सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेन्दर प्रस्तुत करेंगे।

सम्मेलन की रूपरेखा
11 सितम्बर को आयोजित सत्रों में प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्त पहलों, जिलों के समग्र विकास एवं नवाचार, तथा बिहार की नवाचारी उपलब्धियों (नालंदा, बेगूसराय, “दीदी की रसोई”, लोक शिकायत निवारण का अधिकार, BIPARD आदि) पर प्रस्तुतियाँ होंगी। दिन का समापन ताज पटना के वैशाली हॉल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ होगा। 12 सितम्बर को प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्त पहलों (2023–24) पर केंद्रित सत्र आयोजित होंगे। इसके बाद समापन सत्र में फिल्म प्रदर्शन व वरिष्ठ अधिकारियों के संबोधन होंगे। इस सम्मेलन में 200 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी, जिनमें जिलाधिकारी, केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी तथा नीति-निर्माता शामिल होंगे। 22 से अधिक वक्ता अपनी पुरस्कार-विजेता पहलों को साझा करेंगे, जो सेवा-प्रदान को बेहतर बनाने और नागरिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए आदर्श मॉडल प्रस्तुत करेंगे।

इनका किया जायेगा प्रदर्शन
बिहार शोकेस के अंतर्गत महिलाओं के सशक्तिकरण (जीविका की “दीदी की रसोई”, “लखपति दीदी”, पंचायत एवं नौकरियों में महिलाओं को आरक्षण), लोक शिकायत निवारण का अधिकार, नालंदा और बेगूसराय का समग्र विकास मॉडल, आईटीआई व पॉलिटेक्निक के माध्यम से कौशल विकास, तथा डिजिटल गवर्नेंस (ई-ऑफिस, HRMS, CFMS, e-PAR) जैसी अग्रणी पहलें प्रदर्शित की जाएंगी। कार्यक्रम का समापन बोधगया, नालंदा और वैशाली के फील्ड विज़िट से होगा, जिससे प्रतिनिधियों को बिहार की सांस्कृतिक एवं विकासात्मक धरोहर का प्रत्यक्ष अनुभव मिलेगा। यह राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र और राज्यों के बीच पारदर्शी, समावेशी और भविष्य-दृष्टि से युक्त शासन व्यवस्था के साझा संकल्प को पुष्ट करता है। मेज़बान के रूप में बिहार अपनी सुधार और नवाचार की यात्रा को देशभर के साथ साझा करेगा, जिससे नीतिगत संवाद, सहयोगात्मक अधिगम और शासन की उत्कृष्टता का उत्सव संभव हो सकेगा।

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