बाजरा की सरकारी खरीद में देरी: एजेंसियों के लिए नियम बने रोड़ा

हरियाणा: जिले की अनाज मंडी में बाजरा की सरकारी खरीद में देरी से किसानों और आढ़तियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मंडी में पहले ही लगभग 50 हजार क्विंटल बाजरा पहुंच चुका है, लेकिन खरीद एजेंसियों की ओर से फसल को मानकों पर खरा न उतरने का हवाला देकर खरीदा नहीं जा रहा है।

मंडी में जमा हो रही फसल को संभालने के लिए जेसीबी की मदद तक ली जा रही है, क्योंकि ढेरियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं बदलते मौसम और बारिश की संभावना के चलते किसानों की चिंता और बढ़ गई है। वे आशंकित हैं कि कहीं फसल खराब न हो जाए, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़े।

किसानों का कहना है कि फसल की बिक्री में देरी से उन्हें अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने में कठिनाई हो रही है। भुगतान देर से मिलने की स्थिति में खाद और बीज की खरीद में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है, जिससे आगामी रबी फसलों की तैयारी प्रभावित होगी।

मंडी आढ़तियों का कहना है कि किसान उन पर खरीद शुरू करवाने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं, लेकिन जब तक सरकारी खरीद और उठान प्रक्रिया शुरू नहीं होती, वे भी असहाय हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि बाजरा की खरीद प्रक्रिया को अविलंब शुरू कराया जाए। वहीं, सरकारी खरीद एजेंसियां मानकों का हवाला देते हुए बाजरा की क्वालिटी पर सवाल उठा रही हैं, जिससे खरीद में बाधा आ रही है। दूसरी ओर, किसान गेटपास कटवाकर लगातार मंडी में फसल ला रहे हैं, जिससे मंडी परिसर में जगह की भी कमी भी हो रही है।

किसानों के काटे गए गेटपास
खरीद केंद्र का नाम गेटपास कुल आवक
दादरी 694 18600
बाढड़ा 39 686
झोझूकलां 48 1145
कुल 781 20431

मार्केट कमेटी की ओर से मंगलवार तक 683 किसानों के गेटपास जारी कर 20,431 क्विंटल बाजरा की आवक दर्ज की गई है। इसके अलावा खरीद शुरू होने के दो दिन तक पोर्टल नहीं चलने से गेट पास नहीं कट पाए थे। जिसके चलते आवक के रिकॉर्ड को ऑफलाइन दर्ज किया गया था।

मंडी में बाजरा लेकर आए किसान बोले…
मंडी में आढ़ती के पास एक सप्ताह पहले 20 क्विंटल बाजरा की फसल डाली गई थी लेकिन अभी तक सरकारी खरीद नहीं होने से बाजरा की ढेरी यही पड़ी हुई है। आज तो मौसम भी बदला हुआ है, जिसके चलते बारिश की संभावना बनी है। खरीद एजेंसी का कहना है कि बाजरा नियमों पर खरा नहीं उतर रहा है। अब बारिश आने पर ठीक ठाक फसल भी खराब हो सकती है। -सतबीर सिंह, किसान गांव मौड़ी।

पांच दिन पहले मंडी में बाजरा की फसल बेचने के लिए आढ़ती के पास डाली थी लेकिन एजेंसी खराब बाजरा होने के नाम पर सरकारी खरीद नहीं कर रही है। जिससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की फीस तक नहीं दे पा रहे हैं। वहीं घर में अनेक जरूरी सामान की खरीद फसल बेचने के बाद करनी थी। अभी तक खरीद शुरू नहीं होने के कारण भुगतान के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। -सतबीर सिंह, किसान गांव मकड़ाना।

मंडी आढ़ती भी हो रहे परेशान
बाजरा की सरकारी खरीद शुरू नहीं होने की समस्या को लेकर सोमवार को एसडीएम योगेश सैनी ने खरीद एजेंसी व आढ़तियों के साथ बातचीत की थी। इस दौरान खरीद एजेंसी मैनेजर ने सैंपल में बाजरा पास नहीं होने की बात कही थी। ऐसे में बाजरा खरीद प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है। इस कारण किसानों और आढ़तियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। -मोहनलाल मकड़ानिया, प्रधान, अनाज मंडी।

अनाज मंडी में बाजरा खरीद मामले में एसडीएम योगेश सैनी के सामने किसानों के हितों को देखते हुए बाजरा की खरीद जल्दी शुरू करवाने की मांग रखी थी। किसान लगातार बाजरा लेकर मंडी पहुंच रहे हैं, लेकिन खरीद प्रक्रिया को लेकर उनको संतुष्टी नहीं हो रही है। जिससे किसानों के साथ आढ़ती को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। -अजीत फोगाट, मंडी आढ़ती।

अधिकारी के अनुसार
अनाज मंडी में पहुंची बाजरा की फसल सरकारी नियमों पर खरा नहीं उतर रही है। खरीद को लेकर सरकार और व्यापार मंडल के पदाधिकारियों की बैठक चल रही है। शायद शाम तक खरीद प्रक्रिया को लेकर कोई निर्णय होने की संभावना है। इसके बाद ही मंडी से बाजरा की सरकारी खरीद शुरू हो सकेगी।

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