बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों, बौद्ध के खिलाफ बढ़ा अत्याचार

बांग्लादेश अल्पसंख्यक मानवाधिकार कांग्रेस (एचआरसीबीएम) ने कहा है अंतरिम सरकार का कानून व्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ यौन हिंसा की खतरनाक लहर चल रही है, जिसमें हिंदुओं, ईसाइयों, बौद्धों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है।
87 प्रतिशत पीड़ित नाबालिग लड़कियां
मानवाधिकार संगठन ऐन ओ सलिश केंद्र (एएसके) की रिपोर्टों का हवाला देते हुए, एचआरसीबीएम ने कहा कि 2025 की पहली तिमाही के दौरान तीन महीने से भी कम समय में 342 दुष्कर्म के मामले आधिकारिक तौर पर दर्ज किए गए, जिनमें से 87 प्रतिशत पीड़ित 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियां थीं।
इनमें से 40 पीड़ित छह साल से कम उम्र के बच्चे थे। वहीं नाबालिगों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। मानवाधिकार संस्था के मुताबिक असली संख्या हजारों में है, जो चुप्पी और डर की वजह से सामने नहीं आती।
कानून प्रवर्तन और निचली अदालतों में धार्मिक पूर्वाग्रह के आधार पर मामले तय किए जाते हैं, जिससे केस दर्ज नहीं होते और जरूरतमंदों को न्याय नहीं मिल पाता।
लड़कियों के सिरविहीन शव पाए गए
ज्यादातर मामलों में महिलाओं और लड़कियों के सिरविहीन शव पाए गए हैं, जिससे क्रूरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। अदालतों की जगह भीड़ कर रही न्याय एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश में अब अदालत नहीं भीड़ हिंसा से कथित न्याय किया जा रहा है।
2025 के बीच भीड़ हिंसा में 174 लोग मारे गए
कई अधिकार समूहों के आंकड़ों पर प्रकाश डालते हुए, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अगस्त 2024 और मई 2025 के बीच भीड़ हिंसा में 174 लोग मारे गए हैं, जिनमें राजनीतिक कार्यकर्ताओं से लेकर छोटे कारोबारी तक शामिल हैं। 150 से ज्यादा वकीलों को जेल में डाल दिया गया है।
पाकिस्तान ने लाखों बांग्लादेशी नागरिकों का जनसंहार
पाक मंत्री के दौरे से दिखी युनुस सरकार की अकुलाहट पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार शनिवार से दो दिन के बांग्लादेश दौरे पर जा रहे हैं। नार्थईस्ट न्यूज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके दौरे से मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की पाकिस्तान से संबंध मजबूत करने की हताशा उजागर होती है, जिसने 1971 में ‘आपरेशन सर्च लाइट’ के तहत लाखों बांग्लादेशी नागरिकों का जनसंहार किया था।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली यात्रा
डार की यात्रा पिछले तीन दशकों में किसी भी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली यात्रा है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान सेना ने 30 लाख लोगों को मौत के घाट उतार दिया था और तीन लाख से ज्यादा महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया था।