बच्चों को साइबर खतरे से बचाने के लिए पंजाब पुलिस की बड़ी पहल

बढ़ते ऑनलाइन खतरों से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके डिजिटल कल्याण को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पंजाब पुलिस की स्टेट साइबर क्राइम डिवीजन ने आज पूरे राज्य में ‘साइबर जागो’ नामक प्रमुख कार्यक्रम की शुरूआत की है। इस पहल का उद्देश्य स्कूल के बच्चों में इंटरनैट सुरक्षा और सुरक्षित ऑनलाइन उपयोग के प्रति जागरूकता फैलाना है।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ स्पैशल डी.जी.पी. कम्युनिटी अफेयर्स डिवीजन गुरप्रीत देव ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, शिक्षकों तथा सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया। यह पहल एन.जी.ओ. स्पेस2ग्रो और साइबर सुरक्षा संस्थाओं स्टारलाइट डेटा सॉल्यूशन्स तथा साइबरकॉप्स कंप्लायंस सॉल्यूशन्स के सहयोग से चलाई जा रही है। इस कार्यक्रम के माध्यम से पंजाब के लगभग 5 लाख स्कूल विद्यार्थियों तक साइबर सुरक्षा का संदेश पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
पहली ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स कार्यशाला में 75 सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने भाग लिया। इस अवसर पर बच्चों के लिए ऑनलाइन सुरक्षा संबंधी एक पोस्टर और ब्रॉशर भी जारी किया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए स्पेशल डी.जी.पी. साइबर क्राइम पंजाब वी. नीरजा ने बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी डिजिटल दुनिया में गहराई से जुड़ी हुई है। कोविड महामारी के दौरान ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से इंटरनैट और स्मार्टफोन हर घर तक पहुंच गए, जिससे बच्चे अपने माता-पिता से भी अधिक तकनीकी रूप से सक्षम हो गए हैं। यह जुड़ाव अवसरों के साथ-साथ गंभीर ऑनलाइन जोखिम भी लेकर आया है।
उन्होंने ए.एस.ई.आर. 2025 की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि भारत में 14 से 16 वर्ष आयु वर्ग के 76 प्रतिशत बच्चे सोशल मीडिया के लिए स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं, जबकि 57 प्रतिशत बच्चे शिक्षा के लिए उनका उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल कंटेंट की बढ़ती उपलब्धता ने बच्चों को अनुचित सामग्री और साइबर खतरे के प्रति और अधिक संवेदनशील बना दिया है।
कार्यक्रम की अवधारणा के बारे में बताते हुए स्पेशल डीजीपी वी. नीरजा ने कहा कि साइबर जागो कार्यक्रम इस विचार से प्रेरित है कि अगली पीढ़ी के संरक्षक होने के नाते हमें इन खतरों को समझना होगा और बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाने होंगे। शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चों के साथ खुलकर ऑनलाइन सुरक्षा और खतरों पर चर्चा करनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि साइबर जागो कार्यक्रम के अंतर्गत पंजाब के 3,968 सरकारी हाई स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स वर्कशॉप्स के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा। इन वर्कशॉप्स में शिक्षकों को छात्रों को साइबर हाइजीन और सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार, संदिग्ध गतिविधियों की पहचान और रिपोर्टिंग, सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग, ए.आई. आधारित खतरों की समझ, पहचान व प्रतिक्रिया, तथा रिपोर्टिंग प्रक्रियाओं और संबंधित कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी जाएगी।कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करेंगे ताकि वे संभावित ऑनलाइन खतरों की पहचान कर सकें और समय पर उचित प्रतिक्रिया दे सकें।





