फोरलेन की राह में अड़ंगा बने अतिक्रमण को हटाने को लेकर इंतजार की घड़ियां हो गईं समाप्त

फोरलेन की राह में अड़ंगा बने अतिक्रमण को हटाने को लेकर इंतजार की घड़ियां शुक्रवार को समाप्त हो गईं। शहर के जयनरायन चौराहे के समीप बने पथिक होटल समेत 106 भवनों को गिराने का कार्य निर्धारित समय के बाद शुरू करा दिया गया। लखनऊ से जेसीब मशीन न आने के कारण पहले मजदूरों ने दीवारों को तोड़ना शुरू किया, कुछ देर बाद श्रमिकों के थक जाने के बाद जेसीबी की तलाश तेज हो गई। दोपहर करीब एक बजे दुकानों को ढहाने के लिए जेसीबी पहुंची। इसके बाद एक-एक करके 11 जेसीबी मशीनें लगा दी गईं। पहले सड़क की पूरब साइड में बनी दुकानों को गिराना शुरू किया गया। इस दौरान भवन का मलबा गिरने से एक जेसीबी चालक मामूली रूप से घायल हो गया। सिर्फ पांच घंटे में ही 40 दुकानों को तोड़ा गया। शनिवार की सुबह फिर अभियान शुरू होगा।

इनसेट

खत्म हो गया कमाई का जरिया

अतिक्रमण हटने से किसी किसी को खुशी थी तो किसी को मलाल। राजाबाबू के घर में सब बेसुध पड़े थे। दुकान के जरिए ही उनके परिवार का खर्चा चल रहा था। बताया कि बचपन में बनाई गई दुकान गिर गई। अब परिवार कैसे चलेगा? वहीं, दुकानदार अपनी दुकानों से खुद ही शटर व अन्य सामान निकालते दिखे।

हाईकोर्ट के फैसले का करते रहे इंतजार

पथिक होटल के मालिक राकेश अग्रवाल ने हाईकोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दाखिल करके फैसले पर फिर विचार करने का अनुरोध किया था। इसपर सुनवाई की तिथि शुक्रवार तय की गई थी। दोपहर में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। अफसर आदेश की प्रति आने का इंतजार करते रहे। चार बजे के बाद आदेश मिलते ही पथिक होटल को गिराने के लिए जेसीबी लगा दी गई।

अभी लग सकते हैं 24 घंटे

विभागीय सूत्रों के अनुसार अतिक्रमण को पूरी तरीके से हटाने में 24 घंटे का समय लग सकता है। पथिक होटल के पीछे रेलवे की आवासीय कॉलोनी है। छोटी मशीन से होटल गिराने पर मलबा कॉलोनी की तरफ भी जा सकता है। ऐसे में बड़ी मशीन की व्यवस्था की जा रही है। अभी दूसरी साइड पर बनी दुकानों को भी गिराया जाना है।

यात्रियों को परेशानी, किराया वसूली में मनमानी

अतिक्रमण हटाने के लिए रूट डायवर्जन होने से यात्रियों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। तेज धूप में यात्री खुद अपने सिर व कंधे पर सामान लेकर यात्रा करते नजर आए। अमरावती ने बताया कि उनकी तबीयत खराब है। बड़गांव से स्टेशन छोड़ने के लिए रिक्शा चालक ने 40 रुपये लिए हैं। अन्य दिनों में किराया 5-10 रुपये लगता है।

अफसर रहे मुस्तैद

अतिक्रमण हटाने को लेकर चिन्हित स्थल पर सुबह ही पुलिस के साथ ही पीएसी तैनात कर दी गई थी। नगर मजिस्ट्रेट राकेश सिंह, सीओ महावीर सिंह, एसडीएम गुलाम सरवर, तहसीलदार सदर वेद प्रकाश पांडेय, नायब तहसीलदार तरबगंज इवेंद्र कुमार के साथ ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मुस्तैद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button