प्रेसिडेंशियल डिबेट में गूंजे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मुद्दे

जेएनयू छात्र संघ चुनाव को लेकर रात 12 बजे के बाद प्रेसिडेंशियल डिबेट शुरू हुई। कैंपस परिसर वंदे मातरम, कैंपस लाल है भाई लाल है, जय भीम के नारों से गूंज उठा। इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय से लेकर राष्ट्रीय मुद्दों को उठाया गया।

डिबेट की शुरुआत एनएसयूआई उम्मीदवार विकास से हुई। उन्होंने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर विरोध दर्ज कराया। पंजाब और हिमाचल प्रदेश में बाढ़ आने पर केंद्र सरकार द्वारा मदद न किए जाने पर सरकार को घेरा। सुप्रीम कोर्ट के जज पर जूता फेंकने को लेकर विरोध दर्ज कराया। विकास ने सरकार को दलित और आदिवासी विरोधी बताया। पेट्रोल में एथेनाॅल मिलाने के मुद्दों को भी विकास ने जोरशोर से उठाया। सरकार द्वारा किसानों की जमीन को औद्योगिक घरानों को देने का आरोप भी लगाया।

इसके अलावा गाजा, यूक्रेन के प्रति एकजुटता का आह्वान किया। इसके अलावा कैंपस के मुद्दों पर उन्होंने जेएनयू की लाइब्रेरी में सुविधाओं के अभाव को लेकर चिंता जाहिर की। एबीवीपी से प्रेजिडेंट पोस्ट के उम्मीदवार विकास पटेल के बोलने पर एबीवीपी व वामपंथी छात्र संगठनों में तनातनी बढ़ गई। वापस जाओ के नारे लगे। प्रेसिडेंशियल डिबेट में डफली बजाकर छात्र उत्साह बढ़ाते दिखे।

समर्थक हाथों में शहीद भगत सिंह सहित कई दूसरे क्रांतिकारियों की तस्वीर लेकर पहुंचे थे। चुनाव में प्रेजिडेंट पोस्ट पर सात उम्मीदवार मैदान में है। डिबेट में हर उम्मीदवार को 12 मिनट का समय दिया गया। सेंट्रल पैनल में प्रेजिडेंट, वाइस प्रेजिडेंट, सेक्रेटरी और ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद पर 20 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे है।

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