एबीवीपी छात्र ने पूरी दुनिया को दिखाया ये वीडियो, प्रियंका ने किया शर्मनाक व्‍यवहार

नई दिल्‍ली। जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के कैंपस में हिंसा की घटना के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी घायलों से मिलने एम्स पहुंची थीं। कथिततौर पर जब यहां एक एबीवीपी एक्टिविस्ट प्रियंका गांधी को भीड़ के हमले के बारे में अपना दुखड़ा सुनाने पहुंचा तो वे मुंह मोड़कर आगे बढ़ गईं। सिक्योरिटी ने भी एबीवीपी एक्टिविस्ट को बाहर का रास्ता दिखा दिया।

 

प्रियंका गांधी

एबीवीपी एक्टिविस्ट का नाम शिवम चौरसिया है। जेएनयू हिंसा के दौरान कथिततौर पर लेफ्ट विंग के छात्रों ने उनकी पिटाई की थी। प्रियंका जब एम्स पहुंची तो शिवम उन्हें पूरी घटना की जानकारी देने पहुंचे। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दिख रहा है कि जब चौरसिया ने प्रियंका गांधी से रविवार को हुई हिंसा के बारे में बताने की कोशिश की तो प्रियंका आगे बढ़ गईं।

पत्रकार सुशांत सिन्हा ने वीडियो और एक एबीवीपी समर्थक की बात को शेयर करते हुए ट्वीट किया कि ये वीडियो देखकर एक ही सवाल मन में आता है कि कोई इतना निर्मोही कैसे हो सकता है? प्रियंका गांधी जी, आपने एक चोटिल छात्र से अस्पताल में मुंह सिर्फ इसलिए मोड़ लिया क्योंकि वो एबीवीपी का था। आपके सुरक्षा गार्ड्स ने उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया क्योंकि उसकी विचारधारा अलग है। शर्मनाक।

इससे पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने एक वीडियो साझा करते हुए वामपंथी छात्रों पर चौरसिया का पीछा करने और हमला करने का आरोप लगाया था। एबीवीपी ने ट्वीट किया था कि यह वीडियो इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि कैसे जेएनयू में वामपंथियों द्वारा छात्रों और कार्यकर्ताओं को घायल किया गया और पीटा गया। एबीवीपी के एक कार्यकर्ता शिवम का पीछा किया और गुंडों ने हमला किया। यदि आप छात्रों के अधिकारों के लिए खड़े होते हैं, तो वामपंथी आपके साथ ऐसा करते हैं।

बता दें कि रविवार की शाम जेएनयू में कुछ नकाबपोशों ने हमला कर कई छात्रों को घायल कर दिया था। एबीवीपी ने इस हमले के पीछे वामपंथी संगठन का हाथ बताया और वामपंथी संगठन ने एबीवीपी का। प्रियंका गांधी ने भी इस घटना को लेकर भाजपा पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि मोदी-शाह के गुंडे विश्वविद्यालयों में हंगामा कर रहे हैं। विश्व में भारत की छवि उदार लोकतंत्र के रूप में है। अब मोदी-शाह के गुंडे हमारे विश्वविद्यालयों में घुस रहे हैं, हमारे बच्चों में डर फैला रहे हैं। भाजपा के नेता मीडिया में यह दिखावा कर रहे हैं कि यह उनके गुंडे नहीं थे।

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