पेट्रोल के बाद CNG और बिजली अब होगी इतने रूपये तक की महंगी, लोगों पर पड़ेगा ऐसा असर…

सड़क पर चलना अब और महंगा हो सकता है. पेट्रोल और डीजल की कीमतें उछलने के बाद सरकार ने घरेलू प्राकृतिक गैस का दाम 10% बढ़ाने की घोषणा की है. यह बढ़ोतरी एक अक्टूबर से लागू होगी. सरकार के इस कदम से सीएनजी की कीमतें बढ़ सकती हैं और विद्युत व यूरिया उत्पादन की लागत भी बढ़ेगी. पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण सेल के अनुसार, प्राकृतिक गैस के अधिकांश घरेलू उत्पादकों को दी जाने वाली कीमत मौजूदा 3.06 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) से बढ़ाकर 3.36 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कर दी गई है.

छह महीने प्रभावी रहेगी यह कीमत

प्राकृतिक गैस की कीमतें गैस की अधिक्ता वाले देशों जैसे अमेरिका, रूस और कनाडा की औसत दरों के आधार पर हर छह महीने में संशोधित की जाती हैं. भारत आधे से अधिक गैस का आयात करता है जिसकी लागत घरेलू दर के दो गुने से अधिक होती है. संशोधित दर एक अक्टूबर से अगले छह महीने के लिए प्रभावी होगी. यह दर अक्टूबर 2015 से मार्च 2016 की अवधि के दौरान 3.82 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के बाद सर्वाधिक होगी.

बहुमूल्य वस्तुओं को लेकर आयात शुल्क बढ़ाने पर विचार बना रही हैं सरकार

बिजली उत्‍पादन लागत बढ़ेगी

कीमत वृद्धि से ओएनजीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी उत्पादक कंपनियों की कमाई बढ़ेगी लेकिन सीएनजी की कीमतों में तेजी के साथ ही यूरिया तथा बिजली उत्पादन लागत भी बढ़ जाएगी. यह करीब 3 साल में की गई दूसरी वृद्धि है. सूत्रों ने कहा कि प्राकृतिक गैस की कीमत में यदि एक डॉलर की वृद्धि होती है तो ओएनजीसी का राजस्व सालाना आधार पर चार हजार करोड़ रुपये बढ़ जाता है.

ओएनजीसी को होगा फायदा

ओएनजीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शशि शंकर ने कहा कि एक अक्टूबर से लागू होने वाली प्राकृतिक गैसों की नई कीमतों से किसी तरह उसकी उत्पादन लागत निकल जाएगी. शंकर ने बताया कि 2017-18 में उनकी गैस की औसत उत्पादन लागत 3.59 डॉलर प्रति इकाई रही जो इस वर्ष कम हो सकती है और नयी दर से उत्पादन लागत केवल बराबर भर हो सकेगी.

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