पेंशन योजना को लेकर केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दी बड़ी राहत, लिया अहम फैसला

सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की पेंशन योजना को लेकर एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। लंबे समय से चली आ रही कर्मचारियों की मांग अब पूरी होने जा रही है। इसके तहत अब NPS (National Pension Scheme) नेशनल पेंशन स्‍कीम से जुड़े शासकीय कर्मचारियों को अब पुरानी पेंशन योजना OPS (Old Pension Scheme) में शामिल होने की छूट मिल गई है। इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि वे तमाम केंद्रीय कर्मचारी जो 1 जनवरी 2004 या इससे पहले की अवधि में सरकारी सेवा में आए, वे भी इस पुरानी पेंशन योजना का लाभ पाने के पात्र होंगे। इस बात से फर्क नहीं पड़ेगा कि उनकी नियुक्ति उक्‍त तारीख के बाद हुई हो। सरकार ने अपने सारे विभागों को इस आदेश को लागू करने को कहा है। सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का फायदा मिलेगा। असल में, पुरानी पेंशन योजना में पेंशन की राशि पिछले जारी हुए वेतन के आधार पर बनती थी। पुरानी पेंशन योजना में DA महंगाई भत्‍ता भी बढ़ जाया करता था।

जब भी केंद्र सरकार कोई नया वेतन आयोग अमल में आती है तो इसका असर पेंशन पर भी होता है एवं पेंशन भी बढ़ती है। मालूम हो कि केंद्र में OPS पुरानी पेंशन योजना को 1 जनवरी 2004 से लागू किया गया था और इसके बाद ही NPS नई पेंशन योजना सामने आई। यह बात अलग है कि शासकीय कर्मचारी अभी भी पुरानी पेंशन योजना को ही श्रेष्‍ठ मानते हैं। आदेश के अनुसार इस विकल्प का प्रयोग करने की अंतिम तिथि 31 मई, 2020 (31/05/2020) होगी।

मोदी कैबिनेट ने किसानों को दिया बड़ा तोहफा, मिलेगा 95 लाख किसानों को फ़ायदा

इसलिए है यह फैसला अहम, ऐसे समझें

मोदी सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। जिस कर्मचारी की भर्ती 01/01/2004 से पहले हो गई थी, लेकिन जो विभिन्न कारणों से 01/01/2004 को या उसके बाद सेवाओं में शामिल हुए थे। एक आदेश में जो कई सरकारी कर्मचारियों को राहत देने के लिए निर्धारित है, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने कहा है कि सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारी जिनकी नियुक्ति के लिए चयन 01.01.2004 से पहले अंतिम रूप दिया गया था। जो कर्मचारी 01.01.2004 को या उसके बाद सेवा में शामिल हुए, अब एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) के बजाय केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के तहत कवर किए जाने का विकल्प चुन सकते हैं।

कई केंद्रीय कर्मचारियों को राहत की उम्‍मीद

भारत सरकार के इस आदेश से कई केंद्र सरकार के कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है। इनमें से कुछ कर्मचारी लंबे समय से CCS (पेंशन) नियम, 1972 के तहत आने के लिए न्यायालयों के दरवाजे खटखटा रहे थे।

यह है नियम

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के लिए राज्य मंत्री (आई / सी) जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह आदेश भारत सरकार के उन कर्मचारियों के लिए प्रभावी है, जिन्हें 2004 से पहले भर्ती किया गया था। केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के लिए स्विच या राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत कवर किया जाना जारी है।

– ओपीएस यानी पुरानी पेंशन योजना के विकल्‍प का प्रयोग करने की अंतिम तिथि 31 मई, 2020 (31/05/2020) होगी। यदि कोई केंद्रीय सरकारी कर्मचारी इस निर्धारित तिथि तक विकल्प का उपयोग करने में विफल रहता है, तो उसे राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली द्वारा कवर किया जाएगा।

– इस आदेश से केंद्र सरकार ने बड़ी संख्या में कर्मचारियों की लंबी शिकायत को सुधारा है, जिनकी भर्ती (लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और परिणाम की घोषणा सहित) को 01.01.2004 को या उससे पहले अंतिम रूप दिया गया था (जो कर्मचारियों के लिए कट-ऑफ तारीख थी) पुरानी पेंशन योजना के तहत कवर किया जाएगा) लेकिन जिनके शामिल होने में प्रशासनिक कारणों के कारण देरी हुई थी।

– सरकार का मानना है कि चूंकि भर्ती के लिए परिणाम 01.01.2004 से पहले घोषित किया गया था, इसलिए प्रभावित सरकारी सेवकों को सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 के तहत पेंशन के लाभ से वंचित करना उचित नहीं माना जाता है।

– सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि सभी मामलों में जहां भर्ती के लिए परिणाम 01.01.2004 से पहले या 31.12.2003 को होने वाली रिक्तियों से पहले घोषित किए गए थे, भर्ती के लिए सफल घोषित उम्मीदवार CCS (पेंशन) नियम, 1972 के तहत कवरेज के लिए पात्र होंगे।

– ऐसे सरकारी सेवक जिन्हें 01.01.2004 से पहले होने वाली रिक्तियों के विरुद्ध या 31.12.2003 को घोषित परिणामों में भर्ती के लिए सफल घोषित किया गया था, वे पुरानी पेंशन योजना के पात्र होंगे।

लाभ लेने के लिए 31 मई 2020 का वक्‍त

शासकीय सेवा में नियुक्ति का परिणाम यदि 1 जनवरी 2004 से पहले घोषित हो चुका है एवं पुलिस वेरिफिकेशन, मेडिकल परीक्षण या किसी अन्‍य कारण से नियुक्ति में देरी हुई है तो इसके लिए कर्मचारी जिम्‍मेदार नहीं है। चूंकि यह शासन स्‍तर पर मामला है, लिहाजा ऐसे कर्मचारियों को वन टाइम ऑप्‍शन दिया जा रहा है कि वे इस संबंध में पेंशन विभाग से संपर्क करें और पुरानी पेंशन योजना का लाभ लें। इसके लिए केंद्र सरकार ने आगामी 31 मई 2020 तक का समय तय किया है।

क्‍या है एनपीएस NPS

NPS नई पेंशन योजना यानी एनपीएस गत 1 जनवरी 2004 से लागू की गई थी। कई राज्‍यों में 1 अप्रैल 2004 से एनपीएस लागू हुई थी। इसमें खास यह है कि एनपीएस में नई नियुक्ति वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के वक्‍त पुराने कर्मचारियों के समान ही पेंशन एवं फैमिली पेंशन के लाभ नहीं मिलेंगे। इस पेंशन योजना में नए कर्मचारिेयों से सैलरी एवं महंगाई भत्‍ते DA का 10 प्रतिशत अंशदान लिया जाता है, जबकि सरकार 14 प्रतिशत अंशदान मिलाती है।

नई पेंशन और पुरानी पेंशन की तुलना

NPS और OPS यानी नई पेंशन और पुरानी पेंशन योजना की तुलना की जाए तो पुरानी पेंशन के अधिक फायदे हैं। सबसे पहली बात तो यह है कि पेंशनर के साथ उसके पूरे परिवार की सुरक्षा इसमें शामिल रहती है। सेवा निवृत्‍त हुए कर्मचारी को अगर इसका लाभ मिलता है तो इससे उसका रिटायरमेंट सुरक्षित हो जाता है। सरकार के आदेश में यह कहा गया है कि ओपीएस के लिए पात्र होने के बाद इन कर्मचारियों का एनपीएस खाता बंद कर दिया जाएगा।

OPS पुरानी पेंशन मिलने से होंगे ये लाभ

1- OPS में पेंशन अंतिम ड्रॉन सैलरी के आधार पर तैयार की जाती थी।

2- OPS में DA भी बढ़ जाता था, जब भी महंगाई दर बढ़ती थी।

3- सरकार जब भी कोई नया वेतनमान लागू करती है तो इससे पेंशन में भी वृद्धि दर्ज की जाती है।

केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के तहत ये कर्मचारी होंगे पात्र

मंत्रालय के आदेश ने कुछ उदाहरण भी दिए जहां कर्मचारी के चयन को 01.01.2004 से पहले अंतिम रूप दिया गया था, लेकिन 01.01.2004 को या उसके बाद की स्‍टेटस निम्नानुसार हैं:

भर्ती के लिए परिणाम 01.01.2004 से पहले घोषित किया गया था, लेकिन सरकारी नौकर की नियुक्ति और वास्तविक जुड़ने की पेशकश पुलिस सत्यापन, चिकित्सा परीक्षा आदि के कारण विलंबित थी।

सामान्य चयन प्रक्रिया के माध्यम से चुने गए कुछ उम्मीदवारों को नियुक्तियों के प्रस्ताव जारी किए गए थे और उन्हें 01.01.2004 से पहले नियुक्त किया गया था, जबकि अन्य चयनित उम्मीदवारों को नियुक्तियों के प्रस्ताव प्रशासनिक कारणों / बाधाओं के कारण 1.1.2004 को या उसके बाद जारी किए गए थे।

सामान्य प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से 01.01.2004 से पहले चुने गए उम्मीदवारों को विभिन्न विभागों / संगठन को अलॉट किया गया था, जबकि एक या अधिक उम्मीदवारों के संबंध में 31.12.2003 को या उससे पहले कुछ विभागों (संगठनों) द्वारा भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई थी। अन्य विभागों / संगठन को आवंटित उम्मीदवारों को नियुक्ति के प्रस्ताव 01.01.2004 को या उसके बाद जारी किए गए थे।

चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति के प्रस्ताव 01.01.2004 से पहले या 01.01.2004 को शामिल होने के निर्देश के साथ किए गए थे।

चयनित उम्मीदवारों को 01.01.2004 से पहले नियुक्ति के प्रस्ताव जारी किए गए थे, और कई / अधिकांश उम्मीदवार 01.01.2004 से पहले सेवा में शामिल हुए थे। हालांकि, कुछ उम्मीदवार को शामिल होने के समय के विस्तार की अनुमति दी गई थी और वे 01.01.2004 को या उसके बाद सेवा में शामिल हुए।

भर्ती के लिए परिणाम 01.01.2004 से पहले घोषित किया गया था, लेकिन मेडिकल फिटनेस या चरित्र और पूर्वजों, जाति या आय प्रमाण पत्रों के सत्यापन के आधार पर एक या अधिक उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित किया गया था। इसके बाद, समीक्षा करने पर, उन्हें नियुक्ति के लिए उपयुक्त पाया गया और उन्हें 01.01.2004 को या उसके बाद नियुक्ति के प्रस्ताव जारी किए गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button