पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में दक्षिण चीन सागर पर चीन को चेतावनी

दक्षिण चीन सागर को लेकर वियतनाम, फिलीपीन और ब्रुनेई जैसे देशों का चीन के साथ विवाद है। चीन इस पूरे समुद्री क्षेत्र पर अपना अधिकार जताता है, जबकि अन्य देश इसे अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र मानते हैं।

दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते दखल और आक्रामकता को लेकर पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) में कड़ा संदेश दिया गया। मलयेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में हुए सम्मेलन में जारी घोषणापत्र में कहा कि क्षेत्रीय विवादों का समाधान शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार होना चाहिए। यह बयान चीन के बढ़ते सैन्य आक्रामक रुख को देखते हुए एक अप्रत्यक्ष संदेश माना जा रहा है।

भारत की ओर से इस सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिस्सा लिया। सम्मेलन में आसियान के 10 देशों के अलावा भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका व रूस शामिल थे। घोषणापत्र में कहा गया कि सदस्य देश आपसी विश्वास और समझ बढ़ाने, विवादों को बातचीत से सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसका उद्देश्य क्षेत्र में शांति, स्थिरता व समृद्धि को मजबूत करना है। यह भी कहा गया कि आसियान क्षेत्रीय रणनीतिक और आर्थिक मुद्दों में केंद्र की भूमिका निभाए। सदस्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर को वैश्विक शांति व स्थिरता की अनिवार्य नींव बताया और बहुपक्षवाद का समर्थन किया।

ईएएस देशों में आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर सहमति

ईएएस देशों ने आर्थिक सहयोग को बढ़ाने और क्षेत्र में विकास असमानता कम करने पर भी सहमति जताई। अपने संबोधन में भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि आज दुनिया में बाजार तक पहुंच, ऊर्जा व्यापार और तकनीकी प्रतिस्पर्धा जैसी चुनौतियां बढ़ रही हैं। ऊर्जा व्यापार अब सीमित होता जा रहा है, जिससे बाजार में असंतुलन पैदा हो रहा है।

चीन जताता है दक्षिण चीन सागर पर हक

दक्षिण चीन सागर को लेकर वियतनाम, फिलीपीन और ब्रुनेई जैसे देशों का चीन के साथ विवाद है। चीन इस पूरे समुद्री क्षेत्र पर अपना अधिकार जताता है, जबकि अन्य देश इसे अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र मानते हैं। भारत व कई लोकतांत्रिक देश लगातार मांग कर रहे हैं कि विवादों का समाधान संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून के तहत शांतिपूर्वक किया जाए।

आसियान-चीन ने मुक्त व्यापार क्षेत्र 3.0 पर किए हस्ताक्षर

चीन ने दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) के साथ मुक्त व्यापार समझौते के एक विस्तारित संस्करण पर हस्ताक्षर किए हैं। अमेरिका की ओर से बढ़ते संरक्षणवाद के बीच चीनी पीएम ली कियांग ने इस क्षेत्र में चीन के घनिष्ठ संबंधों पर जोर दिया। ली ने आसियान-चीन शिखर सम्मेलन में कहा, एकता में ही शक्ति है। उन्होंने जोर दिया, यह सहयोग आसियान देशों में वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं दूर करने में मदद कर सकता है। आसियान-चीन मुक्त व्यापार क्षेत्र 3.0 पर हस्ताक्षर वार्षिक आसियान शिखर सम्मेलन और संबंधित बैठकों के अंतिम दिन हुए।

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