पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली नहीं रहे, देश में शोक की लहर
नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण जेटली का आज लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। उन्होंने दोपहर 12 बजकर सात मिनट पर आखिरी सांस ली। जेटली नौ अगस्त से अस्पताल में भर्ती थे, उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। जेटली के निधन से देशभर में शोक की लहर है। राष्टï्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्टï्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विभिन्न दलों के नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया। वहीं गृहमंत्री अमित शाह अपना हैदराबाद दौरा छोडक़र दिल्ली पहुंच रहे हैं।
अरुण जेटली को कुछ दिन पहले सांस लेने में दिक्कत के कारण एम्स में भर्ती कराया गया था। जेटली काफी समय से एक के बाद एक बीमारी से लड़ रहे थे। उन्हें अप्रैल, 2017 में एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां वह डायलसिस पर थे। इसके बाद 14 मई, 2018 को दिल्ली के एम्स में उनकी किडनी ट्रांसप्लांट हुई। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद अरुण जेटली को बाएं पैर में रेयर कैंसर (सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा) हो गया। उन्हें इसके ट्रीटमेंट के लिए जनवरी, 2019 में अमेरिका जाना पड़ा, जहां इसकी सर्जरी की गई थी। सेहत के कारण उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने का आग्रह किया था।
पांच बार पेश किया था देश का बजट
पांच बार देश का बजट पेश करने वाले अरुण जेटली ने मोदी सरकार के महत्वपूर्ण प्लान जीएसटी लागू किया, इसे 1947 के बाद देश का दूसरा टैक्स सुधार बताया गया। नोटबंदी के दौरान भी अरुण जेटली ही वित्त मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे थे। रेल बजट और आम बजट को एक साथ करने का काम भी अरुण जेटली के कार्यकाल में ही हुआ। सरकारी बैंकों का विलय हो या चुनावी बॉन्ड की शुरुआत, जेटली के वित्त मंत्री रहते ही हुई थी।
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अरुण जेटली का निधन दुखद है। वे एक शानदार वकील, एक अनुभवी सांसद और एक प्रतिष्ठित मंत्री थे, जिन्होंने राष्ट्र-निर्माण में बहुत योगदान दिया।
-रामनाथ कोविंद, राष्टï्रपतिअरुण जेटली जी के निधन से मैंने एक मूल्यवान मित्र खो दिया है, जिसे मुझे दशकों से जानने का सम्मान मिला है। अपने लंबे राजनीतिक करियर के दौरान अरुण जेटली जी ने कई मंत्री पद का दायित्व निभाया। उन्होंने भारत को आर्थिक रूप से मजबूत करने, रक्षा क्षमताओं में वृद्धि, लोगों के अनुकूल कानून बनाने और अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ाने में सक्षम बनाया। उनका निधन बहुत दुखद है।
-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्रीयह मेरे लिए निजी क्षति है। मैंने न सिर्फ पार्टी का एक नेता खोया है बल्कि मैंने अपने परिवार का सदस्य खो दिया है जो मेरे मार्गदर्शक रहे हैं।
-अमित शाह, गृहमंत्रीजेटली जी के निधन की खबर से स्तब्ध हूं। वे छात्र जीवन में ही भाजपा से जुड़े, आपातकाल के खिलाफ आवाज मुखर की एवं आजीवन सकारात्मक राजनीति के साथ मां भारती की सेवा करते रहे। उनका जाना देश और समाज की ऐसी अपूरणीय क्षति है जिसकी रिक्तता का अहसास हम लंबे समय तक करते रहेंगे।
-योगी आदित्यनाथ, सीएम