पूर्णिमा पर करेंगे ये काम, तो मिलेगा पितरों का आशीर्वाद

इस बार वैशाख पूर्णिमा यानी 12 मई को मनाई जा रही है। इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। पूर्णिमा के दिन अगर आप पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए कुछ खास उपाय करते हैं तो इससे आपको पितृरों की नाराजगी का सामना नहीं करना पड़ता।

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को महत्वपूर्ण तिथियों में से एक माना गया है, जिसपर स्नान-दान करने का काफी महत्व है। साथ ही इस दिन पर पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए भी कुछ खास काम किए जा सकते हैं। चलिए जानते हैं इस बारे में।

इस दिशा का रखें ध्यान
हिंदू धर्म में दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है। ऐसे में आप घर की इस दिशा में पूर्णिमा के दिन पितरों के निमित्त सरसों की तेल का दीपक जला सकते हैं। इसी के साथ अगर इस दिशा में पितरों की तस्वीर लगाकर उनके समक्ष धूप, अगरबत्ती आदि भी जला सकते हैं।

इससे पितरों की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है। इसी के साथ पूर्णिमा पर शाम के समय आचमन कर स्वयं को शुद्ध करें और छत पर दक्षिण दिशा में मिट्टी का दीपक जलाएं। साथ ही पितरों का ध्यान करते हुए अपनी गलतियों के लिए क्षमायाचना करें।

पितृ होंगे प्रसन्न
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पीपल के पेड़ में पितरों में पितरों का वास होता है। ऐसे में वैशाख पूर्णिमा पर दोपहर के समय पीपल के पेड़ में जल जरूर अर्पित करें। साथ ही पेड़ की सात बार परिक्रमा करें और पेड़ के समक्ष दीपक में सरसों का तेल और काले तिल डालकर छायादान करें। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

पितरों की कृपा प्राप्ति के मंत्र –
ॐ नमः शिवाय
ॐ श्री पितराय नमः
ॐ श्री पितृदेवाय नमः
ॐ श्री पितृभ्यः नमः
ॐ श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः
ॐ पितृभ्यः स्वधायिभ्यः पितृगणाय च नमः
ॐ श्राध्दाय स्वधा नमः
ॐ श्रीं सर्व पितृ दोष निवारणाय क्लेशं हं हं सुख शांतिम् देहि फट् स्वाहा
ॐ पितृदेवताभ्यो नमः
ॐ पितृ गणाय विद्महे जगत धारिणे धीमहि तन्नो पित्रो प्रचोदयात्

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