पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में कोरोना को लेकर कही ऐसी बात, सुनकर खुश हो जाएगे आप…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक दोपहर 11 बजे रेडियो के माध्यम से ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किए। इस दौरान उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात देश के साथ साझा की। साथ ही उन्होंने बिहार और असम में आई बाढ़ के साथ-साथ कोरोना महामारी की चुनौतियों का भी जिक्र किया। साथ ही पीएम मोदी ने दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में सफल कुछा छात्र-छात्राओं से बात कर उन्हें शुभकामनाएं दीं।
पीएम मोदी ने अपने मन की बात के दौरान मिथिला पेंटिंग के साथ-साथ असम में बांस से सामान बनाकर आत्मनिर्भर बन रहे लोगों की कहानी भी देश के साथ साझा की। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लोगों से कोरोना महामारी से आजादी का संकल्प लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है, इसलिए मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।
आपको बता दें कि पीएम मोदी हर महीने के अंतिम रविवार को देश की जनता के साथ रू-ब-रू होते हैं। इस दौरान वह देश के वर्तमान हालात के साथ-साथ लोगों की कई रोचक कहनियां भी साझा करते हैं।
PM Narendra Modi Man ki Baat highlights:
हमारा देश आज जिस ऊंचाई पर है वो कई ऐसी महान विभूतियों की तपस्या की वजह से है, जिन्होंने राष्ट्र निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्हीं महान विभूतियों में से एक हैं लोकमान्य तिलक। 1 अगस्त 2020 को लोकमान्य तिलक जी की 100वीं पुण्यतिथि है। लोकमान्य तिलक जी का जीवन हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। हम सभी को बहुत कुछ सिखाता है।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कोरोना महामारी से आजादी का संकल्प लें।
बिहार और असम में इस बाढ़ आपदा से प्रभावित सभी लोगों के साथ पूरा देश खड़ा है।
इस समय बारिश का मौसम भी है। पिछली बार भी मैंने आप से कहा था कि बरसात में गन्दगी और उनसे होने वाली बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। अस्पतालों में भीड़ भी बढ़ जाती है, इसलिए आप साफ़-सफ़ाई पर बहुत ज्यादा ध्यान दें।
सात समुन्द्र पार भारत से हजारों मील दूर एक छोटा सा देश है जिसका नाम है ‘सूरीनाम’। आज सूरीनाम में एक चौथाई से अधिक लोग भारतीय मूल के हैं I क्या आप जानते हैं, वहां की आम भाषाओँ में से एक ‘सरनामी’ भी ‘भोजपुरी’ की ही एक बोली है।
मैं सभी युवा साथियों को यह आग्रह करूंगा कि वो अपनी कहानी, अपनी जुबानी जो देश को प्रेरित कर सकें, वो हम सब के साथ, जरुर साझा करें।
नॉर्थ ईस्ट में बांस से शानदार और इकोफ्रेंडली बोतल और टिफिन बॉक्स बन रहे हैं। बिहार में मधुबनी पेंटिंग वाले मास्क बन रहे हैं, जो अब काफी मशहूर हो चुके हैं। झारखंड के विष्णुपुर में लेमन ग्रास की खेती हो रही है। लद्दाख में खुमानी को तकनीकी तौर पर सुखाने का काम शुरू हुआ है। कच्छ में भी ड्रैगन फ्रूट्स की खेती खूब हो रही है।
अभी कुछ दिन बाद रक्षाबंधन का पावन पर्व आ रहा है। मैं इन दिनों देख रहा हूं कि कई लोग और संस्थायें इस बार रक्षाबंधन को अलग तरीके से मनाने का अभियान चला रहें हैं। कई लोग इसे Vocal for local से भी जोड़ रहे हैं और बात भी सही है।
जब हम कुछ नया करने का सोचते हैं तो ऐसे काम भी संभव हो जाते हैं, जिनकी आम-तौर पर कोई कल्पना नहीं करता। जैसे कि बिहार के कुछ युवा मोती का काम कर रहे हैं।
लेह और लद्दाख का नाम सामने आते ही खुबसूरत वादियां और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के दृश्य हमारे सामने आ जाते हैं। ताज़ी हवा के झोंके महसूस होने लगते हैं। वहीँ कच्छ का ज़िक्र होते ही रेगिस्तान, दूर-दूर तक रेगिस्तान, कहीं पेड़-पौधा भी नज़र ना आये, ये सब, हमारे सामने आ जाते हैं।
बिहार में कई महिला स्वयं सहायता समूह ने मधुबनी पेंटिंग वाला मास्क बनाना शुरू किया है। देखते-ही-देखते यह काफी प्रसिद्घ हो गया है। ये मधुबनी मास्क एक तरह से अपनी परम्परा का प्रचार तो करते ही हैं, लोगों को स्वास्थ्य के साथ रोजगारी भी दे रहे हैं।