पीएम मोदी: अनुसंधान, नवाचार के लिए एक लाख करोड़ रुपये का फंड देगी सरकार

प्रधानमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा ‘हमने रिसर्च डेवलपमेंट इनोवेशन स्कीम भी शुरू की है और इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपये का फंड तय किया गया है। आपको लग रहा होगा कि यह 1 लाख करोड़ रुपये मोदी के पास ही रहने वाले हैं, इसीलिए आप ताली नहीं बजा रहे हैं।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में इमर्जिंग साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव (ESTIC) का उद्घाटन किया। यह एक लाख करोड़ रुपये के फंड वाली योजना है, जिसका उद्देश्य देश में निजी क्षेत्र में अनुसंधान (रिसर्च) और नवाचार (इनोवेशन) को बढ़ावा देने वाला माहौल तैयार करेगी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये का फंड देश के वैज्ञानिकों की क्षमताओं को बेहतर करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने इसरो और महिला क्रिकेट टीम को दी बधाई

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘आज का ये आयोजन विज्ञान से जुड़ा है, लेकिन मैं पहले क्रिकेट में भारत की शानदार जीत की बात करूंगा। पूरा भारत अपनी क्रिकेट टीम की सफलता से खुश है। ये भारत का पहले महिला विश्व कप है। इसके लिए मैं हमारी महिला क्रिकेट टीम को बहुत बधाई देता हूं। हमें आप पर गर्व है। ये सफलता देश के करोड़ों नौजवानों को प्रेरित करेगी।’ इसके बाद पीएम मोदी ने इसरो द्वारा सबसे भारी उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च करने की भी बधाई दी और कहा कि ‘कल भारत ने विज्ञान और तकनीक की दुनिया में भी अपना परचम लहराया है। कल भारत के वैज्ञानिकों ने भारत की सबसे भारी संचार उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। मैं इस मिशन से जुड़े सभी वैज्ञानिकों को और इसरो को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।’

प्रधानमंत्री बोले- एक लाख करोड़ के फंड से निजी क्षेत्र में रिसर्च को मिलेगा बढ़ावा

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आज विज्ञान और तकनीक की दुनिया में भी एक बड़ा दिन है। इक्कीसवीं सदी में, दुनिया भर के विशेषज्ञ को एक साथ आकर उभरते हुए विज्ञान, तकनीक और नवाचार पर मंथन करने और मिलकर दिशा दिखाने की बहुत जरूरत थी। इसी जरूरत से एक विचार पैदा हुआ और इस विचार से इस सम्मेलन का विजन बना। हमने रिसर्च डेवलपमेंट इनोवेशन स्कीम भी शुरू की है और इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपये का फंड तय किया गया है। आपको लग रहा होगा कि यह 1 लाख करोड़ रुपये मोदी के पास ही रहने वाले हैं, इसीलिए आप ताली नहीं बजा रहे हैं। यह 1 लाख करोड़ रुपये आपके (वैज्ञानिकों) लिए हैं। यह आपकी काबिलियत बढ़ाने के लिए है। यह आपके लिए नए मौके खोलने के लिए है। हमारी कोशिश निजी सेक्टर में भी रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ावा देना है।’

भारत उच्च जोखिम, उच्च प्रभाव वाले रिसर्च प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट कर रहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत उच्च जोखिम और उच्च प्रभाव वाले रिसर्च और डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट कर रहा है और विज्ञान और तकनीक के पावरहाउस के तौर पर उभरने के लिए इस क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने देश में नवाचार के एक आधुनिक माहौल को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण सुधार किए हैं।

‘एक दशक में रिसर्च पर खर्च दोगुना हुआ’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारी सरकार ने वित्तीय नियमन और अधिग्रहण नीति में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। इसके अलावा, हमने प्रोटोटाइप को लैब से मार्केट तक तेजी से पहुंचाने के लिए इंसेंटिव और सप्लाई चेन फ्रेमवर्क को भी सुव्यवस्थित किया है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में, भारत का R&D खर्च दोगुना हो गया है, जो इनोवेशन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। रजिस्टर्ड पेटेंट की संख्या में 17 गुना की प्रभावशाली वृद्धि हुई है। स्टार्टअप के क्षेत्र में, भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम बनकर उभरा है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने विश्वविद्यालयों में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की है, जिससे विकास और उन्नति के नए अवसर पैदा हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘एक दशक पहले, भारत में महिलाओं द्वारा दायर किए गए पेटेंट की संख्या सालाना 100 से भी कम थी। आज, यह संख्या हर साल 5,000 से ज़्यादा हो गई है। भारत में STEM एजुकेशन लेने वालों में 43 परसेंट महिलाएं हैं – जो वैश्विक औसत से कहीं ज़्यादा है।

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