पार्टनर के साथ रहने का कर लिया है फैसला, 6 बातें अभी क्लियर नहीं कीं तो खतरे में पड़ सकता है रिश्ता

कोई रिश्ता तभी मुकम्मल हो पाता है जब पूरी ईमानदारी के साथ हर पहलू पर बात की जाए। चाहे जिम्मेदारियां साझा करने की बात हो, एक-दूसरे के परिवार के साथ रिश्ता निभाने की, पैसे या प्राइवेसी की। पूरी जिंदगी साथ बिताने का फैसला करने से पहले ऐसे मुद्दों पर पहले बात कर लेना बेहद जरूरी है जो अक्सर कपल्स के बीच लड़ाई का कारण बनते हैं।

आपने परिवार में या आस-पास न जाने ऐसे कितने ही कपल देखे होंगे जो सालों से रिलेशनशिप में रहने के बाद शादी के बंधन में बंधते ही कुछ ही सालों में अलग भी हो जाते हैं। आखिर शादी के बाद या साथ रहते हुए ऐसा क्या हो जाता है कि इतने सालों का रिश्ता भी दम तोड़ देता है।

हालांकि, इस तरह के दुखद अंत में कुछ मुद़्दे कॉमन होते हैं, जिन्हें अक्सर कपल्स नजरअंदाज कर देने की गलती कर बैठते हैं। आइए, ऐसे ही कुछ मुद्दों पर करते हैं बात।

जहां दोनों कर सकें एडजस्ट

दोनों ही वर्किंग हैं तो फिर शादी के बाद कहां रहना है यह बात बेहद अहम हो जाती है। कई बार कपल्स में से कोई सिर्फ अपने पॉइंट ऑफ व्यू या फिर सहूलियत के हिसाब से रहने की लोकेशन या घर चुन लेता है। इससे दूसरे को तकलीफ उठानी पड़ती है और कई बार झगड़े का कारण भी बनती है। इसलिए दोनों को एक-दूसरे का ख्याल रखते हुए ही इसका फैसला लेना चाहिए।

जब आए रोमांस की बात

डेट नाइट्स हो या फिर छुट्टियां बिताने की बात। एक-दूसरे के साथ अच्छा वक्त बिताने के लिए दोनों की सोच और उम्मीदें एक जैसी होना जरूरी है।

परिवार के साथ रिश्ता

दोनों एक-दूसरे के परिवार को किस तरह टाइम देंगे और कैसे छोटी-मोटी बातों को सहमति से सुलझा लेंगे, इस पर जरूर बात करें। साथ ही दोनों के घर में किस तरह का ट्रेडिशन है और किसे क्या पसंद इस विषय पर भी।

हॉबी और गोल पर हो बात

हर इंसान की अपनी अलग हॉबी और गोल होते हैं जब अलग पसंद वाले लोग शादी के बाद एक साथ रहना शुरू करते हैं तो इन बातों को लेकर भी कई बार तकरार होने लगती है। ऐसे में एक बैलेंस होना जरूरी है जोकि बातचीत से संभव है।

कमाई, बजट और कर्ज

अगर दोनों ही वर्किंग हैं तो पैसों को खर्च करने और बचत करने को लेकर भी पहले बात कर लेना सही होता है। क्या चीज कौन देखेगा या उसका बजट कैसे बनाया जाएगा जैसे मुद्दे भी ध्यान में रखने चाहिए। इतना ही नहीं पहले से अगर कोई लोन लिया हुआ है तो उस बारे में भी बात करें।

प्राइवेसी और सोशल मीडिया

हर किसी की अपनी एक प्राइवेट स्पेस होती है, चाहे वो कपल्स ही क्यों न हों, लेकिन चीजों को सीक्रेट रखना प्राइवेसी नहीं। सोशल मीडिया पर कितना वक्त बिताते हैं या अपनी जिंदगी के किन पहलुओं को पोस्ट करना पसंद करते या कौन-सी नहीं, ये भी बातचीत का मुद्दा है।

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