पारंपरिक खेती छोड़ ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे पलवल के किसान, कमा रहे लाखों का लाभ

पलवल में ड्रैगन फ्रूट की खेती का नवाचार करके किसान खूब लाभ कमा रहे हैं। ड्रैगन फ्रूट की खेती में एक बार लागत लगाकर लगभग बीस वर्षों तक कमाई की जा सकती है। ड्रैगन फ्रूट से किसान पहले वर्ष एक लाख रुपये प्रति एकड़ से कमाई शुरू करके तीसरे वर्ष में 12 लाख रुपये प्रति एकड़ तक हो जाती है। बिना सरकारी अनुदान के भी अलग-अलग गांवों के आधा दर्जन किसानों ने इसकी खेती शुरू कर दी है। ये किसान तथा जिला बागवानी अधिकारी लोगों से पारंपरिक खेती छोड़कर ड्रैगन फ्रूट की खेती की सलाह दे रहे हैं।

पलवल के जिला बागवानी अधिकारी डॉ अब्दुल रजाक का कहना है कि उन्होंने करीब 3 साल पहले ड्रैगन की खेती का नवाचार किया था। सबसे पहले जिले का गांव के नरेश मास्टर तथा मोहरू के नंगला निवासी मास्टर जमील ने ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की थी। दोनों किसानों की ड्रैगन फ्रूट की खेती से होने वाली अच्छी आमदनी को देखकर हसनपुर तथा दो अन्य गांवों में इसकी खेती शुरू कर दी है।

किसान हरिश्चंद्र ने बताया कि उन्होंने करीब सवा साल पहले ड्रैगन फ्रूट की पौध लगाई थी, जो वह फल देने लगी है। पहले ही साल में अभी तक वह लगभग 50 किलोग्राम ड्रैगन फ्रूट मार्केट में बेच चुके हैं और अभी दो चक्र की फसल आई है।

ड्रैगन फ्रूट में जुलाई से लेकर नवंबर तक लगभग 5 से 6 महीने तक फसल चलती रहती है। उन्होंने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की पौध एक बार लगाने के बाद 18 से 20 वर्षों तक फसल ली जा सकती है। यह केक्टस प्रजाती का पौधा होने के कारण लम्बे समय तक चलता है। ड्रैगन फ्रूट कम पानी वाली खेती है। जिससे अन्य फसलों की तुलना में पानी की काफी बचत होती है। यही नहीं पौधौं के बीच में गाजर-मूली, आलू टमाटर आदि की फसलें लगाई जा सकती हैं।

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