पठानकोट में खनन माफिया की वारदात: हाईवे पर युवक के सिर में मारी थी गोली

पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन पठानकोट के पास शनिवार सुबह बाइक सवार युवक ने कार चालक को गोलियां मार दी थी। मयंक अपने साथी के साथ सुजानपुर से बैंक खाता खुलवाकर वापस अपनी कार में आ रहा था। पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन के पास बाइक सवार संजीव कुमार उर्फ फौजी निवासी भटोया दीनानगर जिला गुरदासपुर ने मयंक को गोलियां मार दीं।
पठानकोट में शनिवार को हुए गोली कांड में घायल मयंक की रविवार को मौत हो गई है। मृतक मयंक के परिवार सदस्यों और रिश्तेदारों ने माइनिंग माफिया को मौत का जिम्मेदार ठहराया है।
एसएसपी दलजिंदर सिंह ढिल्लों ने कहा कि मयंक को गोली मारने के आरोपी संजीव सिंह निवासी दीनानगर को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि इसका साथी जतिंदर कुमार फरार है। इन दोनों को मोटरसाइकिल, हथियार और इनके फरार होने में गाड़ी मुहैया करवाने वाला संजीव का चचेरा भाई वरुण ठाकुर गांव भटोआ को भी काबू कर लिया गया है। वारदात करके संजीव सिंह ने मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट बदली और भटोआ से अमृतसर देहात की तरफ गाड़ी में फरार हो गया। जहां आरोपी की गाड़ी पंचर हो गई और वह पकड़ा गया। आरोपियों से 32 बोर रिवाल्वर, जिससे एक राउंड फायर हुआ, 4 कारतूस और 12 बोर डबल बैरल गन, मोटरसाइकिल बरामद हुआ है।
एक साल से माैका ढूंढ रहे थे आरोपी
इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड शमशेर सिंह उर्फ शेरा फरार है। पुलिस के अनुसार, आरोपी पिछले एक वर्ष से मौका तलाश रहे थे। शमशेर सिंह के अलावा अभी ओर आरोपियों के नाम के खुलासे हो सकते है। फरार आरोपियों की तलाश के लिए जेएंडके व हिमाचल में भी छापेमारी जारी है। पकड़े गए आरोपियों और नए आरोपी के नाम भी केस में नामजद किए गए हैं। आरोपियों को पकड़ने में पुलिस को टेकनीकल सोर्स और हिम्युन इंटेलीजेंस का काफी सहयोग मिला।
सूत्रों से पता चला है कि जेएंडके से चार दिन पहले जो बिना बिल के रेत बजरी वाले ट्रक माइनिंग विभाग ने पकड़े थे उसमें भी सूचना देने संबंधी मयंक के तार जुड़े थे।
परिवार ने लगाए बड़े आरोप
एडवोकेट मीना तरनाच और मृतक के रिश्तेदार सुरिंदर मन्हास ने बताया कि मयंक अवैध खनन की भेंट चढ़ा है क्योंकि वह सरकार और पुलिस प्रशासन का काम कर रहा था और अवैध खनन के बारे में समय-समय पर प्रशासन व सरकार को अवगत भी करवाता रहा। मयंक को इस सूचना की कीमत अपनी जान देकर गंवानी पड़ी है।
कुछ दिन पहले भी माफिया के लोगों ने उन्हें फोन पर मयंक की फोटो भेज बताया था कि यह हमारे खिलाफ आवाज उठाता है इसको हम नोट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब माफिया के लोगों से उन्हें भी खतरा है और दो दिन बीत जाने के बाद भी सरकार का कोई भी मंत्री और नुमाइंदा मयंक के परिवार से दुख का प्रगटावा नहीं करने आए। पीड़ित परिवार ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई और सरकार से मुआवजे की मांग की है। परिवार ने मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया है।