पटाखा व्यापारियों के लिए बड़ी चुनौती, अब बेअंत सिंह पार्क में भी नहीं लगेगी मार्केट!

जालंधर : दीवाली का पर्व कुछ ही सप्ताह दूर है और त्यौहारी सीजन भी शुरू हो चुका है, लेकिन अभी तक जिला प्रशासन पटाखा मार्केट लगाने के लिए सुरक्षित स्थान तय करने में असमर्थ दिखाई दे रहा है। पटाखा विक्रेता नए स्थान की तलाश में जुटे हुए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस हल नहीं निकल सका है।
पिछले कई वर्षों तक स्थानीय बर्ल्टन पार्क के खुले मैदान में पटाखा मार्केट लगती रही है, लेकिन अब वहां स्पोर्ट्स हब का निर्माण शुरू हो चुका है। जिस स्थान पर पहले मार्केट लगती थी, वहां स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। ऐसे में पिछले कई महीनों से जिला प्रशासन और पटाखा विक्रेताओं के बीच नई जगह खोजने का काम चल रहा है। इस प्रक्रिया में न तो कारोबारियों को सफलता मिली है और न ही प्रशासन कोई ठोस इंतजाम कर पाया है।
प्रशासन ने पहले लायलपुर खालसा स्कूल, नकोदर रोड और लम्मा पिंड चौक स्थित चारा मंडी वाली जगह को पटाखा मार्केट के लिए चिन्हित किया था, लेकिन वहां भी सहमति नहीं बन पाई। हालांकि एक ग्रुप अभी भी लायलपुर स्कूल में छोटी मार्केट लगाने पर बजिद्द है।
पटाखा कारोबारियों के बाकी तीन ग्रुप स्थानीय बेअंत सिंह पार्क में मार्केट लगाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन पीएसआईईसी ने इस प्रयास को भी विफल कर दिया। संस्थान के कार्यकारी इंजीनियर ने निगम कमिश्नर को पत्र लिखकर स्पष्ट रूप से कहा कि बेअंत सिंह पार्क में पटाखा मार्केट लगाने की अनुमति न दी जाए। पत्र में बताया गया कि निगम का फायर ब्रिगेड विभाग पहले ही इस स्थान को एनओसी देने से इनकार कर चुका है।
सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पत्र में उल्लेख किया गया कि पार्क की दीवार के पास बड़े-बड़े इंडस्ट्रियल यूनिट हैं जिनमें ऑयल टैंक भी स्थित हैं। इसके अलावा पार्क के ऊपर हाई टेंशन वायर गुजर रही है, जो भविष्य में खतरा साबित हो सकती है। फोकल प्वाइंट के औद्योगिक संगठन भी इस मार्केट के प्रयासों का विरोध कर चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार, पटाखा विक्रेताओं के प्रमुख लोग औद्योगिक प्रतिनिधियों से मिलकर मामला सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया। अब यह देखना बाकी है कि जिला प्रशासन और पटाखा विक्रेता नई जगह के लिए किस दिशा में कदम बढ़ाते हैं और आखिरकार किस स्थान पर सुरक्षित ढंग से पटाखा मार्केट लग सकेगी।
अटारी बाजार और अंदरूनी क्षेत्रों में शुरू हुई पटाखों की बिक्री
दीवाली के करीब आते ही जालंधर में पटाखों की बिक्री तेजी पकड़ने लगी है। बीते कई वर्षों तक बर्ल्टन पार्क में लगने वाली पटाखा मार्केट अब नए स्पोर्ट्स हब के निर्माण के कारण नहीं लग रही, जिससे कई दुकानदार अटारी बाजार और शहर के अंदरूनी इलाकों में पटाखों की बिक्री शुरू कर चुके हैं।
कुछ साल पहले जालंधर में पटाखों की बिक्री का मुख्य केंद्र ही अटारी बाजार और आसपास का तंग क्षेत्र हुआ करता था। उस समय यहां लगभग 15-20 दुकानदार पटाखे स्टोर करते और बेचते थे, और आसपास के कस्बों के लोग भी इन्हें खरीदने आते थे। बाद में, जब अशोक गुप्ता जालंधर के डिप्टी कमिश्नर थे और उन्होंने पटाखों के खतरे को महसूस किया, तो उन्होंने बर्ल्टन पार्क के क्रिकेट स्टेडियम की सीढ़ियों के नीचे दुकानों में पटाखा मार्केट लगाने की व्यवस्था की। कई सालों तक पटाखा विक्रेताओं ने यहां खूब कारोबार किया और उनकी संख्या बढ़कर 100 से अधिक हो गई।
अब, बर्ल्टन पार्क में स्पोर्ट्स हब निर्माण के चलते नए सुरक्षित स्थान की तलाश जारी है, लेकिन दुकानदारों ने इंतजार नहीं किया। कईयों ने अटारी बाजार में ही पटाखों की बिक्री शुरू कर दी है। दुकानों पर केवल सैंपल रखे गए हैं, लेकिन ग्राहकों की मांग पर ट्रांसपोर्ट कंपनी के गोदाम या अन्य स्थान से सीधे सप्लाई की जा रही है। वहीं, एक होलसेलर कारोबारी ने इंडस्ट्रियल एरिया में विशाल गोदाम तैयार कर रखा है। कुछ गांवों में भी पटाखों की बिक्री देखने को मिल रही है। अब यह देखना बाकी है कि पुलिस और जिला प्रशासन इस स्थिति में क्या कदम उठाते हैं और आखिरकार पटाखा मार्केट कब और कहां सुरक्षित रूप से लगती है।