पटाखा व्यापारियों का पुलिस पर फूटा गुस्सा, खड़े किए ये सवाल?

जालंधर (खुराना): शहर में पटाखा कारोबारियों और पुलिस के बीच जारी विवाद बरकरार रहा। दीवाली के बाद पुलिस द्वारा जारी किए गए नोटिसों के विरोध में पटाखा व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा के पूर्व विधायक के.डी. भंडारी को साथ लेकर डी.सी.पी. नरेश डोगरा से मुलाकात की और सभी 20 नोटिस उनके हवाले कर दिए।

पटाखा व्यापारियों का नेतृत्व प्रधान विकास भंडारी, प्रधान रवि महाजन और प्रधान संजीव बाहरी ने किया। व्यापारियों ने साफ कहा कि वे कोई स्पष्टीकरण नहीं देंगे, बल्कि पुलिस को ही अपने नोटिस वापस लेने होंगे। इस दौरान भंडारी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब इस वर्ष दिवाली दो दिन अर्थात 20 और 21 अक्तूबर को मनाई गई, तो पुलिस ने सिर्फ 20 अक्तूबर तक का ही लाइसेंस क्यों जारी किया? उन्होंने कहा कि धार्मिक मान्यताओं के चलते 21 तारीख को भी दीवाली और बंदीछोड़ दिवस मनाया गया, ऐसे में व्यापारियों का दुकानें खोलना स्वाभाविक था।

भंडारी ने यह भी कहा कि पुलिस प्रशासन को कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर ध्यान देना चाहिए, न कि त्यौहार के दिन मेहनतकश व्यापारियों को परेशान करने पर। उन्होंने साफ कहा कि पुलिस को यह नोटिस वापस लेने ही होंगे ।

गौरतलब है कि इस विवाद की गूंज डी.जी.पी. गौरव यादव तक भी पहुंची। पूर्व विधायक के.डी. भंडारी ने सीधे डी.जी.पी. से फोन पर बात कर जालंधर पुलिस की कार्यप्रणाली पर आपत्ति जताई थी। सूत्रों के अनुसार डी.जी.पी. के हस्तक्षेप के बाद ही जालंधर पुलिस इस मामले में नरम पड़ी दिखी। इस मामले में जब डी.सी.पी. नरेश डोगरा से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया ।

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