पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, TRE 4 के मुद्दे पर सीएम हाउस का घेराव करने निकले

शिक्षक अभ्यर्थी TRE 4 में 26 हजार पदों पर बहाली नहीं चाह रहे हैं। वह एक लाख पद पर बहाली की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क यह है कि सरकारी स्कूल में एक लाख से अधिक पद रिक्त बचे हैं। सरकार ने पहले एक लाख से अधिक पदों पर बहाली की बात कही थी।

बिहार चुनाव से पहले अभ्यर्थी हर तरह की मांगों को नीतीश सरकार से मनवाने की पूरी कोशिश में लगे हैं। इसी क्रम में आज फिर से शिक्षक अभ्यर्थी सड़क पर प्रदर्शन करने सड़क पर उतर गए। सुबह 11 बजे से हो रही बारिश के बाद छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा। पटना कॉलेज के पास से सैकड़ों अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए निकले। हालांकि, पटना पुलिस पहले ही अलर्ट मोड पर है। पटना कॉलेज, जेपी गोलंबर और डाकबंगला चौराहा पर पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनात हैं।

छात्र नेता दिलीप कुमार ने बताया कि बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए TRE 4 का विज्ञापन मई माह में ही सरकार द्वारा जारी करने की घोषणा की गई थी, जो अब तक अमल में नहीं आ सका है। दिलीप ने चेतावनी दी कि यदि सरकार चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले BPSC TRE 4 का विज्ञापन जारी नहीं करती, तो आने वाले समय में उसे इसका राजनीतिक जवाब देना होगा।

सरकार ऐसा नहीं करती है तो यह आंदोलन जारी रहेगा
इधर, छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने चौथे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा की तारीख का (16 से 19 सितंबर) एलान कर दिया है। पहले कहा गया था कि टीआरई 4 में करीब एक लाख से अधिक सीटों पर बहाली होगी। लेकिन, अचानक कहा कि महज 26 हजार पदों पर ही भर्ती निकाली जाएगी। ऐसे में अभ्यर्थी करें तो क्या करें। यह तो अन्याय है। इसलिए सरकार से हमारी मांग है कि वह अपने वादे पर कायम रहे और एक लाख से अधिक पदों पर वैकेंसी निकाले। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो यह आंदोलन जारी रहेगा।

जानिए, शिक्षा मंत्री के किस बयान के बाद शुरू हुआ बवाल
हाल में ही शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा था कि बिहार लोक सेवा आयोग 16 से 19 दिसंबर 2025 के बीच चौथे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा लेगी। इसमें 26 हजार से अधिक पद शामिल होंगे। परीक्षा का परिणाम 20 से 26 जनवरी 2026 के बीच घोषित कर दिए जाएंगे। इसके बाद शिक्षक अभ्यर्थी आक्रोशित हो गए। उनका कहना है कि टीआरई 3 में भी काफी पद रिक्त बचे थे। इतना ही नहीं सरकार पूर्व में एक लाख से अधिक पदों पर बहाली की बात कह चुकी है, ऐसे में इतने कम पदों पर बहाली के कारण कई अभ्यर्थी नौकरी से वंचित रह जाएंगे। इसलिए सरकार दुबारा इस पर विचार करे।

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