पटना, भागलपुर समेत इन जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट

मौसम विभाग ने कहा कि आगामी 48 घंटों के दौरान पूरे बिहार में मानसून के विस्तार के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं। बुधवार से अगले सोमवार तक लगभग पूरे बिहार में बारिश के आसार हैं।
मानसून के प्रभाव में पूरा बिहार आ चुका है। बारिश ने लोगों ने गर्मी से थोड़ी राहत दिलाई है। गुरुवार सुबह से ही पटना, गया, औरंगाबाद समेत कुछ जिलों में बारिश हुई। वहीं मौसम विभाग ने सभी अलर्ट जिलों में बारिश और वज्रपात का अलर्ट किया है। मौसम विभाग का कहना है कि बुधवार को रोहतास, गया, कैमूर, नवादा में प्रवेश कर गया है। पिछले 24 घंटे में गया समेत कई जिलों में झमाझम बारिश हुई। कोसी, सीमांचल और मगध क्षेत्र के जिलों में बारिश हुई। बुधवार शाम को गया में झमाझम बारिश ने गर्मी से राहत दिलाई। वहीं पूर्णिया, जहानाबाद, समेत कुछ अन्य जिलों में बारिश हुई। मौसम विभाग ने बिहार के पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, पटना, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, गया, नालंदा, गोपालगंज, रोहतास, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, नवादा, शेखपुरा, लखीसराय, जमुई, सीतमाढ़ी में तेज हवा के साथ बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी किया गया है।
लगभग पूरे बिहार में बारिश के आसार हैं
मौसम विज्ञान केंद्र ने पटना, भोजपुर, बक्सर, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया, नवादा, जमुई, बांका, भागलपुर, मुंगेर, शेखपुरा, नवादा, जहानाबाद, नालंदा, शेखुपरा, बेगूसराय, खगड़िया में भी बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी किया है। वहीं बाकी बिहार के सभी जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने बांका, जमुई, भागलपुर, नवादा में अति बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। लोगों से सावधान रहने की अपील की है।
खरीफ मक्का के लिए भूमि की तैयारी की सलाह दी जाती है
किसानों को मौसम विभाग ने सलाह देते हुए कहा कि अगले तीन दिनों के दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट होने का पूर्वानुमान है। खरीफ मक्का के लिए भूमि की तैयारी की सलाह दी जाती है। भूमि की तैयारी के दौरान प्रति हेक्टेयर सौ क्विंटल गोबर की खाद, 30 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस और 50 किलोग्राम पोटाश डालने की सलाह दी जाती है। उत्तर बिहार में बुर्वा के लिए देवकी, सुवान, शक्तिमान-1, शक्तिमान-2, राजेंद्र शंकर मक्का-2 और गंगा 11 किस्में उपयुक्त हैं। वहीं उत्तर बिहार में सीता, संतोष, सरोज, राजश्री, प्रभात, राजेंद्र सुहासनी, राजेंद्र कस्तूरी और राजेंद्र भगवर्ती जैसी चावल की किस्मों की मध्यम अवधि के लिए नर्सरी की बुवाई की सलाह दी जाती है।