पंजाब में बड़ा घोटाला: सरकार ने खरीदी 144 गाड़ियां… कहां गए 14.50 करोड़?

पंजाब में सड़क सुरक्षा फोर्स (एसएसएफ) के लिए खरीदी गई 144 टोयोटा हाईलक्स वाहनों की खरीद की जांच होगी। पंजाब के राज्यपाल के कार्यालय से मिले पत्र के बाद पंजाब सरकार के गृह विभाग ने इसकी जांच डीजीपी को सौंप दी है और 15 दिन के अंदर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।

पंजाब कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने करीब तीन माह पहले इस मुद्दे को उठाया था और खरीद में 14.5 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था। खैहरा ने कहा था कि कंपनी व्यक्तिगत ग्राहकों को हाईलक्स वाहन पर करीब 10 लाख रुपये तक की छूट देती है। पंजाब सरकार ने 2024 में सड़क सुरक्षा बल के लिए थोक में 144 टोयोटा हाईलक्स वाहन खरीदते समय कंपनी से मिलने वाली इस छूट का लाभ नहीं उठाया। अगर उसने प्रति गाड़ी इस लाभ को लिया होता तो 14.50 करोड़ रुपये बचाए जा सकते थे। इसके बाद ही उन्होंने डीजीपी को शिकायत भेजी थी और जांच की मांग की थी।

खैहरा ने डीजीपी से मांग की थी कि इस डील में शामिल वरिष्ठ अधिकारी या नेता की भी जांच की जाए कि क्या उन्हें किसी तरह का आर्थिक लाभ हुआ था। अब राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने इस मामले में शिकायत आगे कार्रवाई के लिए डीजीपी को भेज दी है। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में कब कार्रवाई करती है।

हादसों में होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए शुरू की थी योजना
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सड़क हादसों में होने वाली मौतों का आंकड़ा कम करने के उद्देश्य से जनवरी 2024 में सड़क सुरक्षा फोर्स की शुरुआत की थी। सीएम ने टोयोटा हाईलक्स गाड़ियों को हरी झंडी देकर इस फोर्स में शामिल किया था। पूरे राज्य में इस फोर्स को तैनात किया था। सरकार का दावा है कि जनवरी 2024 से अब तक सड़क सुरक्षा फोर्स हादसों में घायल करीब 40 हजार लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचा चुकी है। इस वजह से बीते डेढ़ साल में पंजाब में हादसो में मरने वालों की संख्या में कमी आई है।

देश में ऐसा करने वाला पंजाब पहला राज्य बना था
इमरजेंसी में रिस्पॉन्स टाइम को बेहतर करने और लोगों की जान बचाने के इरादे से सड़क सुरक्षा फोर्स की शुरुआत की गई थी। राज्य में हर 30 किलोमीटर पर एसएसएफ तैनात है और 5-7 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचकर फर्स्ट एड और अस्पताल पहुंचाने का काम कर रही है। एसएसएफ में 28% महिला पुलिस कर्मी शामिल हैं, जो न केवल सड़क सुरक्षा बल्कि नशा तस्करी और वाहन चोरी जैसे अपराधों पर भी कार्रवाई कर रही हैं।

तकनीक के इस्तेमाल से फुर्ती और पारदर्शिता
एसएसएफ आधुनिक तकनीक से लैस है। इसमें स्पीड गन, बॉडी कैमरा, ई-चालान प्रणाली और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे कार्रवाई में पारदर्शिता और गति बनी रहती है। यह फोर्स राज्य के कई हिस्सों में सड़क हादसों में स्कूली बच्चों की मौत को रोकने में भी सफल रही है।

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