न्यूजीलैंड मस्जिद हमला: आरोपी ब्रेंटन टैरंट को कोर्ट ने बिना पैरोल सुनाई उम्रकैद की सजा

न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर में दो मस्जिदों के बाहर की गई गोलीबारी के आरोपी ब्रेंटन टैरंट को कोर्ट ने बिना पैरोल उम्रकैद की सजा सुनाई है. सजा सुनाते हुए जज ने उसे ‘दुष्ट’ और ‘अमानवीय’ कह कर संबोधित किया. आरोपी ने न्यूजीलैंड की ‘मस्जिद हत्या’ को फेसबुक पर लाइव टेलीकास्ट किया था.

51 लोगों की हत्या का आरोपी
कोर्ट ने ऑस्ट्रेलियाई नागरिक टैरंट (Australian Citizen Tarant) को 51 लोगों की हत्या का आरोपी माना. सुनवाई के दौरान टैरंट बड़े ही सहजता से अपने खिलाफ गवाहियों को सुनता रहा. कुल 91 लोग इस हमले के गवाह थे और अपनों को गंवाने के बाद कोर्ट में बेहद ही मार्मिक गवाही दी. एक-एक कर उन्होंने बताया कि कैसे टैरंट की वजह से उनके अपने उनसे दूर हो गए. 

जज ने कहा- अमानवीय 
सुनवाई के दौरान क्राउन सॉलिसिटर (Crown Solicitor) ने आरोपी के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ हीं यह भी कहा कि इस दौरान उसे पैरोल भी नहीं दी जाएगी.  मामले की सुनवाई कर रहे जज कैमरन मंडेर (Judge Cameron Mander) ने आरोपी को जेल में बंद कर उसकी चाबी को फेंकने पर भी सहमति जताई. सजा सुनाते हुए जज मंडेर ने कहा, ‘हर एक हत्या के बारे में पीछे जाकर सोचना भी दुखदाई है, हालांकि तुम एक हत्यारे नहीं हो बल्कि एक आतंकवादी हो, तुम्हारे द्वारा किए गए कृत्य अमानवीय है. तुमने एक तीन साल के मासूम की भी हत्या की, जो अपने पिता की टांगों से चिपका हुआ था.’ सजा सुनाने के साथ हीं जज मंडेर ने इस हमले में जान गंवाने वाले और घायल लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, ‘अदालत का ध्यान जवाबदेही, निंदा और समुदाय की सुरक्षा के लिए केंद्रित होना चाहिए.’   

कुकृत्य को फेसबुक पर लाइव दिखाया था 
बीते साल, 15 मार्च 2019 को ब्रेंटन ने ‘अल-नूर'(Al-noor) और ‘लिनवुड मस्जिद'(Linwood Mosque) में नमाज के दौरान लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई. इस हमले में ब्रेंटन ने 51 लोगों की जान ले ली थी. हालांकि इस घटना के महज 21 मिनट बाद हीं पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. बतादें कि इनमें 8 भारतीय भी शामिल थे. 51 लोगों की हत्या करने वाला टैरंट ने इस कुकृत्य को फेसबुक पर लाइव दिखाया था, जो वायरल होकर एक के बाद एक अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Media Platform) तक पहुंच गया था. इस घटना ने मुस्लिम समुदाय के साथ पूरे विश्व को झकझोर दिया था, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय और स्थानीय लोगों ने इस कुकृत्य पर आक्रोश प्रकट किया था. हमले के दौरान 50 से ज्यादा लोग जख्मी भी हुए थे. इसमें बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भी बाल-बाल बच गए थे.

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