नीतीश कटारा के हत्यारों को नहीं होगी फांसी, कोर्ट ने ऑनर किलिंग नहीं माना

nitish-katara_0_0_0_0_0_1नई दिल्ली: 2002 में हुए नीतीश कटारा मर्डर केस के दोषी विकास और विशाल यादव की फांसी की मांग से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है। दोनों को 25 साल की सजा सुनाई गई थी। नीतीश की मां नीलम कटारा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर अपील की थी कि दोषियों को फांसी हो, क्योंकि यह मर्डर ऑनर किलिंग से जुड़ा हुआ था। हालांकि, कोर्ट ने इसे ऑनर किलिंग मानने से इनकार कर दिया।
 
क्या कहा अदालत ने?
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि यह बस एक मर्डर का मामला है। यह जघन्य नहीं है। आरोपियों ने जो किया किया, वह निंदा किए जाने लायक है, लेकिन इसकी सजा डेथ पेनल्टी नहीं है।
 
कोर्ट ने कहा कि नीतीश और भारती ने अपने कलीग की शादी में जिस तरह डांस किया, उसे देखकर ही शायद विकास और विशाल का गुस्सा भड़का। इसके बाद उन्होंने नीतीश को किडनैप करके उसकी हत्या कर दी। कोर्ट ने कहा कि इसे ऑनर किलिंग नहीं कहा जा सकता, क्योंकि यादव परिवार को दोनों की दोस्ती पर एतराज नहीं था।
 
जस्टिस जेएस खेहर और आर भानुमति की बेंच ने कहा कि यह हत्या का एक बड़ा मामला था। हालांकि, इसे रेयरेस्ट ऑफ द रेयर कैटेगरी में रखा जा सकता।
 
क्या है मामला?
25 साल के नीतीश कटारा को दिल्ली के करीब गाजियाबाद में जलाकर मार दिया गया। उसके रिश्ते बाहुबली नेता डीपी यादव की बेटी भारती यादव से थे। भारती और नीतीश एक प्रोग्राम में गए, जहां से नीतीश का अपहरण हो गया। कोर्ट में साबित हुआ कि नीतीश को अगवा करके उसकी जलाकर हत्या करने वाले भारती के भाई विकास और चचेरे भाई विशाल थे। लाश इतनी बुरी तरह जल गई थी कि उसकी पहचान ही नहीं हो पाई। बाद में डीएनए जांच में पता चला कि लाश नीतीश कटारा की ही थी।
 
क्या कहना है विक्टिम फैमिली का
कोर्ट के फैसले के बाद नीलम कटारा ने कहा कि वह इंसाफ की लड़ाई जारी रखेंगी। कटारा ने कहा, ”मैं कोर्ट के फैसले का सम्मान करती हूं। अगली बार हम और ज्यादा तथ्यों और तैयारी के साथ आएंगे। लड़ाई जारी रहेगी।”

 

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