निजी घरानों के लिए कार्य कर रहा ऊर्जा मंत्री समूह…

उत्तर प्रदेश में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आरोप लगाया है कि ऊर्जा मंत्री समूह किसी न किसी रूप में निजी घरानों के लिए कार्य कर रहा है। जिस तरह से केंद्रीय ऊर्जा मंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्री समूह की बैठक में फुल कास्ट बिजली दर लागू करने और निजी क्षेत्र की कंपनियों की वकालत की गई, उससे यही संदेश जाता है।

परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाया कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार की अध्यक्षता में गठित मंत्री समूह की पांचवी बैठक में कहा गया है कि वितरण निगमों के घाटे की वजह से निजी निवेश के लिए कम आकर्षक होता जा रहा है। यह बात निजी घरानों को पोषित करने की रणनीति है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में फुल कास्ट टैरिफ पहले से लागू है।

यूपी पहला राज्य है, जहां उपभोक्ता अधिकार कानून लागू है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर लगभग 33122 करोड़ सर प्लस निकल रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में भी लगभग 3000 करोड़ सरप्लस निकालने की पूरी उम्मीद है। ऐसे में उपभोक्ताओं के हित में उत्तर प्रदेश सरकार को आगे जाकर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत विद्युत नियामक आयोग को बिजली दरों में कमी करने का आदेश देना चाहिए।

हर स्तर पर सुधार… तो रद्द हो निजीकरण का प्रस्ताव
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि ऊर्जा मंत्री एके शर्मा लगातार दावा कर रहे हैं कि बिजली व्यवस्था में हर स्तर पर सुधार हुआ है। ऐसे में वे अपने दावे के आधार पर निजीकरण प्रस्ताव रद्द करें।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित मंत्री समूह की बैठक में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था में अप्रत्याशित सुधार हुआ है। बिजली की तकनीकी और वाणिज्यिक हानि में निरंतर कमी हुई है। ऐसे में निजीकरण प्रस्ताव रद्द किया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button