नहीं लौटेंगे कादर खान कनाडा में होंगे सुपुर्द-ए-ख़ाक, सामने आई यह बड़ी वजह…

बॉलीवुड में नए साल का पहला दिन बेहद दुखद साबित हुआ. लंबे वक्त से बीमार चल रहे मशहूर अभ‍िनेता कादर खान का कनाडा में न‍िधन हो गया. उनके बेटे सरफराज खान ने निधन की पुष्‍ट‍ि करते हुए कहा, ‘मेरे पिता अब नहीं रहे. लंबी बीमारी के कारण कनाडा के समय के अनुसार 31 दिसंबर को शाम 6 बजे उनका निधन हो गया. वह दोपहर में कोमा में चले गए थे. वह 16-17 सप्ताह तक अस्पताल में थे.”

कादर खान ने ह‍िंदी स‍िनेमा में 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. 200 फिल्मों का लेखन किया. 70 के दशक में जाने माने स्क्रीन राइटर थे कादर खान. उनका जन्म 22 अक्टूबर 1937 को अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था. कादर खान बॉम्बे यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग ग्रैजुएट भी थे. बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है. उर्दू पर उनकी उम्दा पकड़ थी. आज भी उनके लिखे संवाद लोगों की जेहन में ताजा है.

पिछले दिनों गंभीर बीमारी के बाद डॉक्टर्स ने सीनियर एक्टर को रेगुलर वेंटीलेटर से हटाकर BiPAP वेंटिलेटर पर रखा था. उन्होंने शक्ति कपूर से आखिरी बातचीत में कहा था कि वो बॉलीवुड में वापसी करेंगे. हालांकि अब ये कभी संभव नहीं हो पाएगा. रिपोर्ट्स की मानें तो कादर खान को कनाडा में ही सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा. 

अमिताभ को लेकर कादर खान की वो अधूरी ख्वाह‍िश जो पूरी नहीं हुई, और चाहकर भी नहीं पूरी होगी

कादर खान के निधन के बाद फैंस सोशल मीडिया में उनकी फिल्मों के वीडियो साझा कर रहे हैं.

अमिताभ बच्चन ने कादर खान के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने इसे हिंदी सिनेमा की बड़ी क्षति करार दिया.अमिताभ ने कादर खान के साथ दो और दो पांच, मुकद्दर का सिकंदर, मि. नटवरलाल, सुहाग, कूली और शहंशाह में काम किया है.

कादर खान को फिल्मफेयर समेत सिनेमा के कई बड़े सम्मान मिले हैं.

2017 में कादर खान कनाडा गए थे घुटने का इलाज कराने. लेकिन वापस नहीं लौटें.

शक्ति कपूर ने आजतक से बातचीत में कहा, कादर खान की जगह कोई नहीं ले सकता. प्रेम चोपड़ा ने भी कादर खान के निधन की खबर को सदमा करार दिया. उन्होंने कहा, वो बहुत बड़ी हस्ती थे.

सलीम जावेद की तरह संवाद लेखक थे कादर खान. अमिताभ बच्चन की कई बड़ी फिल्मों के संवाद कादर खान ने ही लिखे थे.

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