नवरात्रि के मेले में अचानक से टूटा झूला, चारों तरफ मच गई चीख-पुकार

दरअसल मेले में लगाए गए एक बड़े झूले में लोग सवार थे। बच्चे और महिलाएं उसमें खुशी से झूल रहे थे। तभी अचानक झूले का एक हिस्सा बीच में ही टूट गया और पूरा झूला एक तरफ झुक गया। झूले के झुकते ही जोर-जोर से चीख-पुकार मच गई।

रविवार को मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में खंडेरा मंदिर का मेला लगा हुआ था। मंदिर प्रांगण में हर साल की तरह इस बार भी भारी भीड़ जुटी थी। चारों तरफ खाने-पीने के स्टॉल खिलौनों की दुकानें और बच्चों के लिए झूले लगे हुए थे। पूरा माहौल मेले के रंग में रंगा था। बच्चे खिलखिला रहे थे बड़े-बुजुर्ग मंदिर में दर्शन कर रहे थे और महिलाएं खरीदारी में जुटी हुई थीं। सब कुछ नॉर्मल ही चल रहा था, लेकिन अचानक एक पल में वहां अफरा-तफरी मच गई। तो आज की इस खबर में हम आपको इसी वीडियो के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
दरअसल मेले में लगाए गए एक बड़े झूले में लोग सवार थे। बच्चे और महिलाएं उसमें खुशी से झूल रहे थे। तभी अचानक झूले का एक हिस्सा बीच में ही टूट गया और पूरा झूला एक तरफ झुक गया। झूले के झुकते ही जोर-जोर से चीख-पुकार मच गई। जो लोग झूले पर बैठे थे वे डर के मारे चिल्लाने लगे और जो नीचे खड़े थे। वे घबराकर इधर-उधर भागने लगे। माहौल कुछ ही सेकंड में हंसी-खुशी से चीख-पुकार और घबराहट में बदल गया।

मेले में अचानक से गिरा झूला
खुशकिस्मती रही कि झूला पूरी तरह नहीं टूटा। अगर वो नीचे गिर जाता तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता था। उसी वक्त मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी और कुछ स्थानीय युवक हरकत में आ गए। उन्होंने झूले के पास पहुंचकर सबसे पहले हालात को संभालने की कोशिश की। झूले पर फंसे बच्चों और महिलाओं को धीरे-धीरे सुरक्षित नीचे उतारने की प्रक्रिया शुरू हुई। करीब आधे घंटे तक पुलिस और लोगों ने मिलकर मेहनत की तब जाकर सभी को सुरक्षित बाहर निकाला जा सका।

नहीं आई किसी को गंभीर चोटें
इस पूरी घटना में सबसे बड़ी राहत की बात यह रही कि किसी को गंभीर चोट नहीं आई। हालांकि, उस वक्त झूले पर बैठे बच्चों और महिलाओं की हालत डर से खराब हो गई थी। कई बच्चे तो रोने लगे थे और कुछ लोग सदमे में थे। लेकिन जब सबको सही-सलामत बाहर निकाल लिया गया, तो वहां मौजूद हर किसी ने राहत की सांस ली। लोगों बताया कि अगर झूला पूरी तरह टूटकर नीचे गिर जाता, तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता था और जानमाल का नुकसान होना तय था। इसी वजह से लोग काफी देर तक डरे-सहमे रहे और घटना की चर्चा करते रहे।

झूले की पहले से ठीक से जांच-पड़ताल नहीं की गई
मेले में मौजूद कई लोगों का कहना था कि इस हादसे के पीछे लापरवाही भी जिम्मेदार है। उनका कहना था कि झूले की पहले से ठीक से जांच-पड़ताल नहीं की गई थी। कई बार इसी तरह की लापरवाहियों की वजह से हादसे हो जाते हैं और लोग परेशानी में पड़ जाते हैं। भीड़ में खड़े लोगों ने मांग की कि आगे से जब भी मेला लगे और झूले लगाए जाएं तो उनकी सही तरह से देखरेख और जांच हो। ताकि बच्चों और परिवारों को बिना डर के इन झूलों का मजा मिल सके।

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