दीवाली पर बन रहे कई मंगलकारी योग

20 अक्टूबर 2025 के अनुसार, आज दीवाली का पर्व मनाया जा रहा है। यह दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि देवी की उपासना करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं।
आज यानी 20 अक्टूबर को दीवाली का पर्व मनाया जा रहा है। इस त्योहार को देशभर में बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, दीवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मुरादें पूरी होती हैं और बिगड़े काम पूरे होते हैं। इस दिन कई शुभ-अशुभ योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग के बारे में।
तिथि: कृष्ण चतुर्दशी
मास पूर्णिमांत: कार्तिक
दिन: सोमवार
संवत्: 2082
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – शाम 07 बजकर 08 मिनट से रात 08 बजकर 18 मिनट तक
प्रदोष काल – शाम 05 बजकर 46 मिनट से रात 08 बजकर 18 मिनट तक
वृषभ काल – रात 07 बजकर 8 मिनट से रात 09 बजकर 03 मिनट तक
तिथि: कृष्ण चतुर्दशी प्रातः 03 बजकर 44 मिनट तक
योग: वैधृति प्रातः 02 बजकर 35 मिनट तक
करण: शकुनी दोपहर 03 बजकर 44 मिनट तक
करण: चतुष्पाद प्रातः 04 बजकर 47 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: प्रातः 06 बजकर 25 मिनट पर
सूर्यास्त: सायं 05 बजकर 46 बजकर पर
चंद्रोदय: प्रातः 06 बजकर 06 बजकर पर
चन्द्रास्त: सायं: 05 बजकर 01 मिनट पर
सूर्य राशि: तुला
चंद्र राशि: कन्या
आज के शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11 बजकर 43 मिनट से प्रातः 12 बजकर 28 मिनट तक
अमृत काल: दोपहर 01 बजकर 40 मिनट से दोपहर 03 बजकर 26 मिनट तक
आज के अशुभ समय
राहुकाल: प्रातः 07 बजकर 50 मिनट से प्रातः 09 बजकर 15 मिनट तक
गुलिकाल: दोपहर 01 बजकर 31 बजे से दोपहर 02 बजकर 56 मिनट तक
यमगण्ड: प्रातः 10 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 06 मिनट तक
दीवाली का धार्मिक महत्व
दीवाली, प्रकाश और खुशियों का पर्व है। यह अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने की स्मृति में दीप जलाए जाते हैं। घरों को सजाया जाता है, दीप जलाए जाते हैं और मां लक्ष्मी तथा भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
यह पर्व केवल बाहरी रोशनी का नहीं, बल्कि मन के अंधकार को दूर कर नई आशा और सकारात्मकता जगाने का संदेश देता है। दीवाली का अर्थ है। अपने जीवन में उजाला फैलाना और प्रेम, सद्भाव तथा समृद्धि का स्वागत करना।
अमावस्या अवधि-
अमावस्या तिथि आरंभ– 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट
अमावस्या तिथि समाप्त– 21 अक्टूबर 2025 को शाम 05 बजकर 54 मिनट