दिल्ली हिंसा: उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश, मरने वालों की संख्या हुई 18

दिल्ली में तीसरे दिन हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने दंगाइयों को गोली मारने का आदेश दिया है। धारा-144 का कोई असर न देखते हुए पुलिस ने मंगलवार देर शाम चार इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया। इसमें सबसे संवेदनशील मौजपुर, जाफराबाद, करावल नगर और बाबरपुर शामिल हैं। हालात का जायजा लेने के लिए राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने मंगलवार रात को सीलमपुर का दौरा किया। उनके साथ पुलिस कमिश्‍नर अमूल्‍य पटनायक भी साथ रहे।  

दंगाइयों मंगलवार को भी जमकर उत्पात मचाया। इस उपद्रव में पांच और की मौत हो गई। सोमवार को भी पांच की जान गई थी। कुल मिलाकर अब तक 13 लोग मारे गए हैं। मरने वालों में दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल रतन लाल भी भी शामिल हैं। वह सोमवार को दंगाइयों के हाथों मारे गए थे। घायलों की संख्या 186 पहुंच गई है। इसमें दो आइपीएस अधिकारी सहित 56 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

दंगाइयों ने दागी एक हजार गोलियां

दंगाइयों ने मंगलवार को कई दुकानों, वाहनों और घरों में आग लगाई। उपद्रवी खुलेआम हथियार लहराते हुए फायरिंग कर दहशत फैला रहे थे। हालात काबू करने को दोपहर बाद आरएएफ और सीआरपीएफ को मोर्चा संभालना पड़ा। इस बीच प्रभावित क्षेत्र यमुनापार के कई इलाके भीषण हिंसा की चपेट में रहे। पुलिस सूत्रों की मानें तो दो दिनों में दंगाइयों की तरफ से एक हजार से ज्यादा गोलियां चलाई गई हैं। पुलिस ने लगभग इतनी ही मात्रा में आंसू गैस के गोले दागे हैं।

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हालात संभालने को 67 कंपनियां तैनात

गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद दोपहर करीब तीन बजे के बाद सीआरपीएफ, आरएएफ और एसएसबी की 67 कंपनियां हालात को काबू करने के लिए तैनात कर दी गई हैं। इन कंपनियों ने पहले मौजपुर के पास जाफराबाद रोड से भीड़ हटानी शुरू की। लेकिन, इसी दौरान अन्य इलाकों में भी हिंसा का दायरा बढ़ने लगा। सुरक्षा बल के जवान जब तक एक तरफ हिंसा पर काबू पाते तब तक दूसरी तरफ उपद्रव बढ़ जाता।

सोमवार को पूरी रात हुई हिंसा

सोमवार को दस थाना क्षेत्रों में धारा-144 लागू होने के बाद भी रातभर पूरे जिले में हिंसा होती रही। मंगलवार को जैसे-जैसे दिन चढ़ा बवाल भी बढ़ता गया। गोकलपुरी में टायर मार्केट को ही फूंक दिया गया। पूरे जिले में सौ से ज्यादा दुकानों में आगजनी के साथ तोड़फोड़ की गई। पुलिस ने अब तक हिंसा को लेकर कुल 11 मुकदमे दर्ज किए हैं। इसमें हिंसा करने, सार्वजनिक व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, पुलिस पर हमला, हत्या, हत्या के प्रयास जैसी धाराएं लगाई गई हैं। पुलिस 25 उपद्रवियों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

दर्जनों वाहन आग के हवाले

दंगाइयों ने अनगिनत वाहनों को भी फूंक दिया है। यमुना विहार में भजनपुरा पेट्रोल पंप के पास सौ से ज्यादा वाहन सड़क पर जले पड़े हैं। इनमें 50 कारें और इतनी ही मोटरसाइकिलें शामिल हैं। कई ई-रिक्शा भी जलाए गए हैं। एक मिनी बस में आग लगाने के अलावा कई ई-रिक्शा, बाइक व अन्य वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।

पोस्टमार्टम में रतन लाल को गोली लगने की बात आई सामने

सोमवार को हिंसा के दौरान डीसीपी को बचाने के प्रयास में जान गंवाने वाले हेड कांस्टेबल रतन लाल की मौत गोली लगने से हुई थी। मंगलवार को पोस्टमार्टम में यह बात स्पष्ट हो गई है। सोमवार को रतन लाल की मौत पत्थर लगने और पिटाई से होने का दावा किया गया था।

ड्रोन से ली जा रही दंगाईयों की तस्‍वीर

हिंसा फैलाने वालों की पहचान के लिए ड्रोन के साथ ही सीसीटीवी फुटेज की मदद ली जा रही है। पुलिस की टीम लगातार इलाके में गश्त कर रही है। स्थिति काबू में है। हिंसा की शुरुआत में पुलिस की निष्कि्रयता की बात गलत है, पुलिस पहले दिन से ही सक्रिय है। पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। चार जिलों में कफ्र्यू हैं, यहां दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश हैं।

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