हाई कोर्ट ने निर्भया के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने से किया इंकार, कहा- अगली सुनवाई में…

निर्भया केस में बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने कहा कि चारों दोषियों (विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह, मुकेश सिंह और पवन गुप्ता) को अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती है। पीठ ने कहा कि मामले में सभी कानूनी कार्रवाई पूरी की जाए। साथ ही हाई कोर्ट ने दोषियों को 1 हफ्ते का समय दिया है। अगली सुनवाई में डेथ वारंट पर फैसला होगा। यह याचिका केंद्र सरकार और निर्भया के परिवार की ओर से दाखिल की गई थी।

इस याचिका को लेकर बीते शनिवार और रविवार को जस्टिस सुरेश कुमार के द्वारा विशेष सुनवाई की गई थी। इसके बाद 2 फरवरी को केंद्र की याचिका पर कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि निर्भया के चारों दोषियों को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से 2 बार डेथ वारंट जारी हो चुका है लेकिन हर बार कानूनी अड़चनों की वजह से उनकी फांसी को टालना पड़ा है।

निर्भया के दोषियों को फांसी देने में हो रही देरी पर केंद्र सरकार ने याचिका दायर करते हुए जल्द फांसी दिए जाने की मांग की थी। केंद्र ने तर्क दिया था चारों दोषी अपनी फांसी की सजा टालने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं।

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निर्भया के परिजनों ने भी दाखिल की है याचिका

केंद्र सरकार की याचिका पर हाईकोर्ट जल्द फैसला सुनाए इसके लिए निर्भया के परिजनों ने भी दिल्ली हाईकोर्ट में आवेदन दिया है। उनकी ओर से वकील जितेंद्र झा ने कहा कि केंद्र की याचिका पर बेंच जल्द फैसला करे।

दोषियों की फांसी पर लगी है रोक

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पहले 22 जनवरी को चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी किया था, दोषियों द्वारा कानूनी प्रावधानों का इस्तेमाल करने की वजह से तारीख आगे बढ़ाते हुए 1 फरवरी का नया डेथ वारंट जारी किया गया था। लेकिन दोषियों की अन्य याचिकाओं की वजह से एक बार फिर फांसी रुक गई थी।

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