दिल्ली में जहरीली धुंध बरकरार, तीन इलाकों में बिगड़े हालात

दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार गंभीर बना हुआ है। राजधानी के विभिन्न इलाकों में जहरीली धुंध की परत आसमान में छाई हुई है। जिससे जनजीवन पर गहरा असर पड़ रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार, ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया है।

प्रमुख इलाकों में एक्यूआई का स्तर
दिल्ली के कई प्रमुख क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। आनंद विहार, गाजीपुर, इंडिया गेट और कर्तव्य पथ, आईटीओ और अक्षरधाम मंदिर जैसे इलाकों में धुंध की चादर ने सूरज की रोशनी को भी थोड़ा हल्का कर दिया।

आनंद विहार – 383 एक्यूआई
गाजीपुर – 383 एक्यूआई
इंडिया गेट – 312 एक्यूआई
आईटीओ – 331 एक्यूआई
अक्षरधाम मंदिर – 383 एक्यूआई

ये आंकड़े बताते हैं कि पूरे शहर में वायु गुणवत्ता की स्थिति चिंताजनक है। ‘बहुत खराब’ श्रेणी का एक्यूआई 301 से 400 के बीच होता है, जो श्वसन संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है, विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए।


दिल्ली की हवा फिर हुई जहरीली
वायु प्रदूषण का संकट एक बार फिर गहरा गया है। एक दिन की राहत के बाद, सोमवार को हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज हुई। जिससे नागरिकों को धुंध, हल्के कोहरे और स्मॉग की चादर का सामना करना पड़ा। कम दृश्यता के चलते लोगों ने मास्क लगाकर अपनी सुरक्षा का प्रयास किया, वहीं सांस के मरीजों को अतिरिक्त परेशानी का सामना करना पड़ा।


एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक में चिंताजनक वृद्धि
सोमवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 304 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी को दर्शाता है। यह रविवार की तुलना में 25 सूचकांक की वृद्धि है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में, गाजियाबाद की हवा सबसे अधिक प्रदूषित पाई गई, जहाँ एक्यूआई 322 दर्ज किया गया। इसके अलावा, नोएडा में 321, ग्रेटर नोएडा में 296 और गुरुग्राम में 275 एक्यूआई रहा। हालांकि, फरीदाबाद की हवा अपेक्षाकृत बेहतर रही, जहां एक्यूआई 221 दर्ज किया गया, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, सोमवार को वाहन प्रदूषण का योगदान 19.88 फीसदी रहा। कूड़ा जलाने से 1.8 फीसदी, निर्माण गतिविधियों से 2.81 फीसदी और पेरिफेरल उद्योगों से 7.8 फीसदी प्रदूषण का योगदान रहा।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, सोमवार को हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से 10 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चली। अनुमानित अधिकतम मिश्रण गहराई 1050 मीटर और वेंटिलेशन इंडेक्स 4500 मीटर प्रति वर्ग सेकंड दर्ज किया गया। दोपहर तीन बजे, हवा में पीएम10 की मात्रा 260.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम2.5 की मात्रा 141.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई।

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