दिल्ली-बठिंडा रेलमार्ग से 10 फाटक हटाकर बनेंगे सबवे

रेलवे ने दिल्ली मंडल के बठिंडा रेलमार्ग पर चलने वाले हजारों यात्रियों और ग्रामीणों को बड़ी राहत देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। रेलवे इस खंड पर स्थित 10 लेवल क्रॉसिंग फाटकों को स्थायी रूप से समाप्त करके उनकी जगह लो हाइट सबवे बनाने जा रहा है। इस परियोजना को पूरा करने के लिए सिग्नल एवं दूरसंचार कार्यों का टेंडर जारी किया गया है।
सबवे जिन 10 स्थानों पर बनाए जाएंगे, वे मुख्य रूप से दिल्ली से बठिंडा मार्ग के बीच पड़ने वाले भीड़भाड़ और दुर्घटना संभावित क्षेत्र हैं। इनके पूरे होने पर रेल और सड़क दोनों का यातायात सुगम होगा और हादसों में कमी आएगी। अभी इन स्थानों पर रोजाना सैकड़ों वाहन और पैदल यात्री गुजरते हैं। इससे अक्सर फाटक बंद होने पर लंबा जाम लग जाता है और कई बार जानलेवा हादसे भी होते हैं। रेलवे के अनुसार टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद परियोजना को 12 माह में पूरा करने का लक्ष्य है। इसे पूरा करने में 68 लाख रुपये की अनुमानित लागत तय की गई है।
निर्माण कार्य के दौरान स्थानीय यातायात को वैकल्पिक मार्गों से संचालित किया जाएगा। यह परियोजना केंद्र सरकार की ‘हमसफर नीति’ और रेलवे के ‘सुरक्षा संकल्प मिशन’ का हिस्सा है। सरकार ने रेल-फाटक-मुक्त कॉरिडोर तैयार करने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में देशभर में सैकड़ों स्थानों पर अंडरपास और फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है, ताकि किसी भी स्तर पर मानव-रेल टकराव की आशंका समाप्त की जा सके।
इन जगहों पर बनेंगे सबवे
दिल्ली–बठिंडा मार्ग पर बहादुरगढ़, रोहतक, जुलाना (जींद), नरवाना, कैथल रोड, टोहाना और हरियाणा-पंजाब सीमा के समीप दीनानगर, लेहरा मोहब्बत स्टेशन, रामपुरा फूल और बठिंडा स्टेशन से पहले सबवे बनाएं जाएंगे।
स्थानीय जनता और यात्रियों को मिलेगा लाभ
परियोजना से स्थानीय नागरिकों और मार्ग से यात्रा करने वाले यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा। पहले फाटक बंद होने पर किसान, विद्यार्थी, ट्रक चालक और एंबुलेंस सेवाएं बाधित हो जाती थीं। यह काम पूरा होने से आपातकालीन सेवाओं और दैनिक आवागमन दोनों में तेजी आएगी। सिग्नल एंड टेलीकॉम विभाग द्वारा जारी टेंडर के तहत सभी सबवे स्थलों पर आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम, केबल नेटवर्क और ऑप्टिकल फाइबर लाइन बिछाने का कार्य भी शामिल है। पुराने सिग्नल पोस्ट और क्रॉसिंग बैरियर को हटाया जाएगा ताकि संचार व्यवस्था पूरी तरह स्वचालित रहे।
दिल्ली-बठिंडा रेलमार्ग उत्तरी भारत का प्रमुख कॉरिडोर
यह रेलमार्ग उत्तरी भारत का प्रमुख कॉरिडोर है, जो दिल्ली को हरियाणा और पंजाब के औद्योगिक शहरों से जोड़ता है। इस मार्ग पर रोजाना 60 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं। ऐसे में लो हाइट सबवे का निर्माण न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा बल्कि दुर्घटनाओं की संभावना भी लगभग समाप्त कर देगा। अब तक देशभर में 2,500 से अधिक रेल फाटकों को अंडरपास या फ्लाईओवर से बदला जा चुका है।
10 फाटकों पर लो हाईट सबवे के निर्माण के लिए सिग्नल और दूरसंचार उपकरणों के स्थानांतरण के लिए निविदा जारी की गई है। यह दिल्ली-बठिंडा रेल खंड पर इन फाटकों को पूरी तरह से हटाने के लिए एक अनिवार्य पहला कदम है। यह कार्य दिल्ली-बठिंडा रेल खंड पर समपार फाटक संख्या 186, 204, 174, 180, 230, 197, 152, 165, 169 और 148 पर होना है ।
-अजय माइकल, जनसंपर्क अधिकारी, दिल्ली मंडल





