दिल्ली: उपराज्यपाल ने वीके सक्सेना ने मां यमुना की प्रतिमा का किया अनावरण

निगमबोध घाट के पास 7 फुट ऊंचे चबूतरे पर स्थापित इस प्रतिमा में मां यमुना को कछुए पर जल कलश के साथ दर्शाया गया है, जो स्थिरता और जीवन के सार को दर्शाता है। 150 किलोग्राम वजनी यह प्रतिमा ग्रेनाइट, ग्रेफाइट पाउडर और रेजिन से बनी है, जिसे दिल्ली के कारीगरों ने तीन महीने में तैयार किया।
निगमबोध घाट के पास अब मां यमुना की भव्य प्रतिमा आकर्षण का केंद्र बन गई है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने डीडीए पार्किंग में 10 फुट ऊंची इस प्रतिमा का अनावरण किया, जो यमुना नदी की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को सम्मान दे रही है।
निगमबोध घाट के पास 7 फुट ऊंचे चबूतरे पर स्थापित इस प्रतिमा में मां यमुना को कछुए पर जल कलश के साथ दर्शाया गया है, जो स्थिरता और जीवन के सार को दर्शाता है। 150 किलोग्राम वजनी यह प्रतिमा ग्रेनाइट, ग्रेफाइट पाउडर और रेजिन से बनी है, जिसे दिल्ली के कारीगरों ने तीन महीने में तैयार किया। यह स्थान पहले कूड़े और अतिक्रमण का अड्डा था।
डीडीए ने इसे साफ कर हरा-भरा बनाया है। अब यहां साइकिल ट्रैक, पैदल पथ, देशी पौधे जैसे कदंब, अशोक, पलाश और रिवराइन घास हैं। यहां पार्किंग स्थान बढ़ाने और दो कियोस्क लगाने की भी योजना है, ताकि आगंतुकों को सुविधाएं मिलें। यह स्थल वासुदेव घाट से जुड़ा है, जहां पिछले साल दिल्ली दीपोत्सव में 3.5 लाख दीयों से नदी तट जगमगाया था।
यमुना हमारी संस्कृति और विरासत का हिस्सा
उपराज्यपाल ने कहा कि यमुना सिर्फ नदी नहीं, हमारी संस्कृति और विरासत का हिस्सा है। यह प्रतिमा हमें नदी की पवित्रता की रक्षा की याद दिलाएगी। उन्होंने डीडीए के इस प्रयास की तारीफ की और कहा कि यह स्थल लोगों को यमुना के करीब लाएगा। यमुना बाढ़ क्षेत्र का कायाकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता है, जिसमें असिता, बांसेरा और अमृत बायो-डायवर्सिटी पार्क जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं। यह प्रतिमा भी इस परियोजना का ही हिस्सा है।