तेजी से वायरल हो रही हैं कॉलेज के दिनों में सीएम योगी की ये तस्वीर, देखकर पहचान नहीं पाओगे..

योगी आदित्यनाथ स्कूल के दिनों से ही विद्यार्थी परिषद के वर्कर के रूप में कार्य किया करते थे. वहीं  शायद यही वजह था कि हिंदुत्व के प्रति उनका लगाव शुरू से रहा. जंहा अक्सर वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लिया करते थे. विद्यार्थी परिषद का कोई कार्यक्रम था, जहां पर तत्कालीन गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था.

वहीं इस बात का पता चला है कि उस कार्यक्रम में देश भर से आए कई छात्रों ने अपनी बात रखी. जब योगी ने अपनी बात रखनी शुरू की तो लोगों ने खूब सराहना की गई. भाषण सुन अवेद्यनाथ जी महराज बहुत प्रभावित हुए. जंहा उन्होंने योगी आदित्यनाथ को अपने पास बुलाया और पूछा, कहां से आए हो, तब उन्होंने बताया कि वह उत्तराखंड के पौड़ी के पंचूर से तो उन्होंने कहा कि कभी मौका मिले तो मिलने जरूर आओ. वहीं अवेद्यनाथ महराज भी उसी उत्तराखंड के रहने वाले थे. लेकिन उनका गांव भी योगी के गांव से 10 किलो मीटर दूर था. उस पहली मुलाकात से योगी बहुत प्रभावित हुए. उनसे मिलने का वायदा कर के वहां से विदा लिए. उस मुलाकात के बाद योगी अवेद्यनाथ जी महराज से मिलने के लिए गोरखपुर आए. कुछ दिन बाद वह फिर अपने गांव लौट गए.

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मिली जानकारी के अनुसार अवेद्यनाथ महराज भी उसी उत्तराखंड के रहने वाले थे. उनका गांव भी योगी के गांव से 10 किलो मीटर दूर था. उस पहली मुलाकात से योगी बहुत प्रभावित हुए. उनसे मिलने का वायदा कर के वहां से विदा लिए. हम आपको बता दें कि उस मुलाकात के बाद योगी अवेद्यनाथ जी महराज से मिलने के लिए गोरखपुर आए. कुछ दिन बाद वह फिर अपने गांव लौट गए. वहीं तब योगी ने उनसे कहा कि आप चिंता न करें आप को कुछ नहीं होगा. मैं गोरखपुर जल्द आऊंगा. जंहा थोड़े दिन बाद अपनी मां को गोरखपुर जाने की बात कह कर घर से चल दिए. तब मां ने सोचा था बेटा शायद नौकरी के लिए जा रहा है. यह कह कर वह 1992 में गोरखपुर आ गए.

 

 

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