तिब्बत पर चीनी अत्याचारों के विरोध में बोधगया में कैंडिल मार्च, सैकड़ों बौद्ध भिक्षु हुए शामिल

बोधगया में तिब्बती मोनास्ट्री के भंते के नेतृत्व में सैकड़ों बौद्ध भिक्षुओं और तिब्बती नागरिकों ने कैंडिल मार्च निकाला। यह मार्च तिब्बती मोनास्ट्री से महाबोधि मंदिर तक पहुंचा।

बोधगया की पावन धरती पर शनिवार की रात तिब्बती मोनास्ट्री के भंते के नेतृत्व में एक शांतिपूर्ण कैंडिल मार्च निकाला गया। इस मार्च में सैकड़ों बौद्ध भिक्षु और तिब्बती नागरिक शामिल हुए। मार्च तिब्बती मोनास्ट्री से शुरू होकर विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर तक पहुंचा। इस दौरान सभी भिक्षु और श्रद्धालु हाथों में कैंडिल लिए बौद्ध मंत्रों का जाप करते हुए आगे बढ़े। महाबोधि मंदिर पहुँचकर उन्होंने भगवान बुद्ध के समक्ष विशेष पूजा-अर्चना की और चीन सरकार द्वारा तिब्बती भिक्षुओं पर हो रहे अत्याचारों से मुक्ति और दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की।

भिक्षुओं ने कहा कि आज तिब्बत के लोगों के लिए शोक का दिन है। चीन लगातार तिब्बत की संस्कृति को मिटाने की कोशिश कर रहा है, स्कूलों को बंद किया जा रहा है और भिक्षुओं पर अमानवीय अत्याचार किए जा रहे हैं। अमदो के चार मठों के लामाओं पर भी गंभीर दमन हुआ है, जिसके चलते कई ने आत्महत्या तक कर ली।

उन्होंने आगे कहा कि भारत जैसे देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन तिब्बत में ऐसा संभव नहीं। इसी वजह से आत्मा की शांति और विश्व शांति के संदेश के लिए यह पीस मार्च निकाला गया। इसके साथ ही भिक्षुओं ने हाल ही में उत्तराखंड और हिमालयी क्षेत्रों में आई आपदा में मारे गए लोगों, पशु-पक्षियों की आत्मा की शांति के लिए भी प्रार्थना की।

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