डीजेएस परीक्षा में दोबारा मूल्यांकन से छात्रों को मिला फायदा

high-court-court-chandigarh-court-court-hammer_1457176685हाईकोर्ट के पिछले वर्ष आयोजित दिल्ली न्यायिक सेवा (डीजेएस)2015 की प्रारंभिक परीक्षा में चार गलत सवाल हटाने के निर्देश का फायदा 65 छात्रों को मिला है। नए सिरे से उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन करने से सफल प्रत्याशियों की संख्या 849 से बढ़कर 914 हो गई है। अब मुख्य परीक्षा 9 व 10 जुलाई को तय की गई है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना व न्यायमूर्ति नजमी वजीरी की खंडपीठ ने 9 मई को दिए फैसले में डीजेएस भर्ती के लिए प्रारंभिक परीक्षा 2015 में पूछे गए सवालों में से चार सवाल गलत पाए थे। अदालत ने माना था कि इन चार सवालों के कारण कई प्रत्याशियों को नुकसान हुआ है और वे सफल नहीं हो पाए।

खंडपीठ ने इन सवालों को हटाने और दोबारा मूल्यांकन करने के बाद प्रतियोगी छात्रों की मुख्य परीक्षा हेतु कट ऑफ तय करने का काम रजिस्ट्रार जनरल पर छोड़ दिया था। अब नए सिरे से हुए मूल्यांकन के बाद घोषित नतीजों में कुल 914 छात्रों को सफल घोषित किया गया है। पहले घोषित नतीजों में 849 छात्र सफल हुए थे। 

यानि सफलता प्राप्त करने की श्रेणी में 65 छात्र और जुड़ गए हैं। गलत सवालों को लेकर परीक्षार्थी सुमित कुमार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। सुमित ने याचिका में तर्क रखा था कि डीजेएस प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए कई सवाल गलत है।

क्या है मामला
पिछले साल अक्तूबर मे हाईकोर्ट ने दिल्ली न्यायिक सेवा के 100 जजों की भर्ती के लिए आवेदन मंगाए थे। इनमें से 68 सीटें सामान्य श्रेणी के लिए थीं, जबकि शेष आरक्षित वर्गों के लिए। इसके लिए 20 दिसंबर 2015 को प्रारंभिक परीक्षा ली गई। परीक्षा का परिणाम 4 मार्च 2016 को घोषित किया गया।

 
 

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