डा.कलाम कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र का राजधानी लखनऊ में शुभारम्भ
लखनऊ। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जन्मदिन के उपलक्ष्य में महिला सशक्तीकरण के अन्तर्गत गरीब बालिकाओं, विधवा और समाज की उपेक्षित महिलाओं के लिए ‘डा. कलाम कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र’ शुभारंभ का मानसी सेवा संस्थान द्वारा संचालित मानसी इन्स्ट्टीयूट ऑफ कम्प्यूटर एजूकेशन, निकट नाका चौराहा, लखनऊ में किया गया।
मुख्य अतिथि आर.डी. पाल, पूर्व लोकपाल, विद्युत विभाग, उत्तर प्रदेश तथा विशिष्ट अतिथि, समाजसेवी प्रदीप कुमार सिंह ने दीप प्रज्जवलित करके प्रशिक्षण केन्द्र का औपचारिक उद्घाटन किया। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ की ओर से ‘डा. कलाम कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र’ की सहायतार्थ रुपये चार हजार प्रतिमाह दिये जाने वाली धनराशि के चेक की पहली किश्त भी भेंट की गयी। कार्यक्रम का सुभारम्भ स्वागत गीत के साथ किया गया।
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एजूकेशन एण्ड इनोवेशन फाउण्डेशन, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश की प्रेरणा से इस प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की गयी है। इस अभियान को प्रसिद्ध शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी तथा विज्ञानरत्न लक्ष्मण प्रसाद, नवाचारविद् का आशीर्वाद प्राप्त है। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार संजीव कुमार शुक्ला तथा डी.एन. वर्मा को पत्रकारिता जगत की उल्लेखनीय सेवाओं के लिए सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि आर.डी पाल (पूर्व लोकपाल, विद्युत विभाग, उ.प्र.) ने अपने संबोधन में कहा कि डा. कलाम जानते थे कि किसी व्यक्ति या राष्ट्र के समर्थ भविष्य के निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका हो सकती है? उन्होंने हमेशा देश को प्रगति के पथ पर आगे ले जाने की बात कही। उनके पास भविष्य का एक स्पष्ट खाका था, जिसे उन्होंने अपनी पुस्तक ‘इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलिनियम’ में प्रस्तुत किया। इंडिया 2020 पुस्तक में उन्होंने लिखा कि भारत को वर्ष 2020 तक एक विकसित देश और नॉलेज सुपरपॉवर बनाना होगा। उनका कहना था कि देश की तरक्की में मीडिया को गंभीर भूमिका निभाने की जरूरत है। नकारात्मक खबरें किसी को कुछ नहीं दे सकती लेकिन सकारात्मक और विकास से जुड़ी खबरें उम्मीदें जगाती हैं। डा. कलाम एक प्रख्यात वैज्ञानिक, प्रशासक, शिक्षाविद् और लेखक के तौर पर हमेशा याद किए जाएंगे और देश की वर्तमान एवं आने वाली कई पीढ़ियां उनके प्रेरक व्यक्तित्व एवं महान कार्यों से प्रेरणा लेती रहेंगी।।
सफलता के सूत्र बताते हुए समाजसेवी प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि महान वैज्ञानिक डॉ. कलाम के इस गूढ़ संदेश में बहुत कुछ छिपा है। ‘‘देश तभी मुस्कुरायेगा’’ जब देश का प्रत्येक नागरिक अपने-अपने कार्य को ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ समर्पित भाव से पूरा करे। ‘‘देश के मुस्कुराने’’ में नयी-नयी खोजों एवं नये-नये उपकरणों, उत्पादों के विकास के द्वारा समाज की सेवा करने में सत्यनिष्ठा से योगदान करना होगा। जिस प्रकार आजादी की लड़ाई के लिए महात्मा गांधी ने ‘‘करो या मरो’’ का नारा दिया था, उसी प्रकार भारत को एक ‘‘विकसित राष्ट्र’’ बनाने के लिए डा0 कलाम ने ‘फ्री पार्टनशिप’ का मूलमंत्र दिया है, जो वास्तव में देश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगा। समाजसेवी प्रदीप कुमार सिंह ने इस अवसर सभी प्रतिभागियों को प्रेरणा पद किताबे भी भेंट की। प्रदीप कुमार सिंह प्रधानमंत्री मोदी की देशवासियों से गुलदस्ते के स्थान पर पुस्तक उपहार स्वरूप भेंट करने की अपील से प्रेरित होकर तेजज्ञान फाउण्डेशन, पुणे के संस्थापक सरश्री तथा डा. जगदीश गांधी आदि द्वारा लिखित अब तक हजारों प्रेरणादायी पुस्तकें वितरित कर चुके हैं।
‘डा. कलाम कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र’ की संचालिका मुक्ता तिवारी ने बताया कि वर्तमान समय में सबसे ज्यादा रोजगारपरक 8 माह का फाइनेंसियल एकाउंटिग कम्प्यूटर कोर्स ‘डा. कलाम कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र’ के अन्तर्गत दिया जायेगा इसके लिए निशी थापा, शिवांगी चौरसिया, निधि तिवारी, अंकिता कश्यप, रीता, रेश्मा रस्तोगी, रिया साहु, मुस्कान मिश्रा, स्मिता शुक्ला तथा अनुराधा यादव का चयन किया गया है। इस कोर्स की वास्तविक फीस रु. 1000/- मासिक प्रति छात्रा है। उन्होंने आगे बताया कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ ने दस छात्राओं के प्रशिक्षण का रुपये 400/- प्रति छात्रा फीस वहन करने की सहर्ष स्वीकृति प्रदान की है। मानसी इन्स्ट्टीयूट रुपये 400/- प्रति छात्रा छूट देगा, अर्थात प्रत्येक छात्रा से सिर्फ रुपये 200/- मासिक फीस ही ली जायेगी। इन्स्ट्टीयूट की निदेशिका मुक्ता तिवारी ने देशवासियों से इस पुनीत कार्य में सहयोग, मार्गदर्शन तथा सुझाव देने की अपील की है ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद महिलाओं को ‘डा. कलाम कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र’ से जोड़ा जा सके। कार्यक्रम का संचालन पल्लवी सक्स्सेना ने किया। इसके अलावा इस आयोजन में मोनिका तिवारी, जया, चंद्रा, गीतांजलि, अमित मिश्र और शिवानी ने भी सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया।