नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन से टल सकता है शिंजो आबे का भारत दौरा

नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद पूर्वोत्तर के राज्यों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. अब इस प्रदर्शन का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. असम के गुवाहाटी में होने वाली भारत-जापान समिट में हिस्सा लेने आ रहे जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे का दौरा टल सकता है. ये कार्यक्रम 16 दिसंबर को गुवाहाटी में होना है.

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, रविवार से शुरू हो रहा शिंजो आबे का दौरा टल सकता है. नरेंद्र मोदी-शिंजो आबे के बीच गुवाहाटी में समिट होनी थी, लेकिन गुवाहाटी में ही सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन हो रहा है. बता दें कि प्रदर्शन के बाद गुवाहाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया था.

भारत-जापान के बीच 15-17 दिसंबर को गुवाहाटी में शिखर सम्मेलन होना है, जिसमें 16 तारीख को दोनों देशों के नेताओं की मुलाकात होनी थी. गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद पूर्वोत्तर में बड़ा विरोध प्रदर्शन हो रहा है, पूर्वोत्तर के कई राज्यों में इंटरनेट बंद किया गया है.

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बांग्लादेश के मंत्री भी रद्द कर चुके हैं दौरा

गौरतलब है कि गुरुवार को ही बांग्लादेश के विदेश मंत्री और गृह मंत्री ने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया था. बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए. के. अब्दुल मोमिन को दिल्ली डायलॉग में हिस्सा लेना था, लेकिन उन्होंने अचानक अपना दौरा रद्द कर दिया. देर शाम को बांग्लादेशी गृह मंत्री असदुज्जमान खान ने भी भारत आना रद्द कर दिया, उन्हें तीन दिन के भारत दौरे पर आना था.

पूर्वोत्तर में जारी है विरोध प्रदर्शन

आपको बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा मंजूरी मिलने के बाद नागरिकता बिल अब कानून बन गया है. पूर्वोत्तर के कई राज्यों में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. विरोध के चलते असम, मेघालय और त्रिपुरा में इंटरनेट-SMS की सुविधा पर रोक लगा दी गई है. जबकि कुछ इलाकों में कर्फ्यू भी लगाया गया है. शुक्रवार को असम के डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू में छूट दी गई है.

इस कानून के लागू होने से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू-जैन-बौद्ध-सिख-पारसी-ईसाई शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलना आसान हो जाएगा. विपक्ष का तर्क है कि ये कानून संविधान का उल्लंघन करता है.

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