जेएनयू हिंसा का सबसे बड़ा वीडियो, नकाबपोशों के साथ खुद दिखी आइशी घोष!

नई दिल्‍ली। जेएनयू में रविवार को हुई हिंसा में बाहरी और नकाबपोशों के घुसने को लेकर बवाल मच गया है। बीजेपी के छात्रसंघ विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और वाम दलों के छात्र संगठन आइसा और एसएफआई के बीच आरोप-प्रत्‍यारोपों का दौर शुरू हो गया है। हिंसा में दोनों 34 छात्र घायल हो गए हैं, जिन्‍हें प्राथमिक उपचार के बाद अस्‍पताल से छुट्टी दे दी गई है।

जेएनयू

उधर जेएनयू हिंसा को लेकर मचे महासंग्राम के बीच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने टि्वटर पर एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो में जेएनयू छात्र संघ अध्‍यक्ष आइशी घोष नकाबपोशों के साथ नजर आ रही हैं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने ऐसा दावा किया है।

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उधर, जेएनयू हिंसा की नैतिक जिम्‍मेदारी लेते हुए साबरमती हॉस्‍टल के वार्डन आर मीणा ने इस्‍तीफा दे दिया है। आर मीणा ने कहा, छात्रों की सुरक्षा प्रदान करना उनकी जिम्मेदारी थी और वह इसमें असफल रहे। इससे पहले जेएनयू में एक दिन पहले हुई हिंसा को लेकर दिल्‍ली पुलिस ने अपनी ओर से एफआईआर दर्ज कर ली है। दूसरी ओर, अस्पताल में भर्ती 23 घायल छात्रों को छुट्टी दे दी गई है। जेएनयू में हिंसा को लेकर दिल्‍ली पुलिस के पास तीन शिकायतें आई थीं।

दिल्ली पुलिस का कहना है कि हमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की हिंसा पर कई शिकायतें मिली हैं, जिनपर हम जांच शुरू करेंगे। जेएनयू हिंसा की जांच दिल्ली पुलिस की ज्‍वाइंट कमिश्‍नर शालिनी सिंह करेंगी। उनके नेतृत्‍व में 4 इंस्पेक्टर और दो एसीपी भी जांच टीम में शामिल होंगे। जेएनयू हिंसा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से बात भी की। अमित शाह ने उपराज्‍यपाल से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों को बुलाकर वार्ता करने को कहा है।

उधर, देवेंद्र आर्य, डीसीपी (दक्षिण-पश्चिम) ने कहा कि हमने कल जेएनयू में हुई हिंसा का संज्ञान लिया है और एक एफआईआर दर्ज की है। उन्‍होंने कहा कि सोशल मीडिया और सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जाएगी। जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने सभी छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय सभी छात्रों के लिए अकादमिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने की सुविधा देने के लिए हमेशा उपलब्‍ध है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उनका पंजीकरण बिना किसी बाधा के संपन्न होंगे। एम। जगदीश कुमार ने कहा कि उन्हें प्रक्रिया से डरने की जरूरत नहीं है। विश्वविद्यालय की सर्वोच्च प्राथमिकता छात्रों के शैक्षणिक हितों की रक्षा करना है।

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