जालंधर में शिकंजा कसने की तैयारी में मेयर और कमिश्नर

आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार समाप्त होने की जो उम्मीद जनता ने की थी, वह अब तक पूरी होती दिखाई नहीं दे रही। जालंधर नगर निगम का हाल भी इससे अलग नहीं है। निगम के सिस्टम में सुधार की बातें भले ही बार-बार उठाई गईं, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति खराब ही बनी हुई है। आप सरकार के पहले एक वर्ष तक जालंधर निगम कांग्रेस के चुने हुए प्रतिनिधियों के अधीन रहा और उसके बाद करीब दो वर्षों तक निगम चुनाव न होने के कारण अफसरशाही का राज चलता रहा। नतीजतन, सिस्टम में सुधार की बजाय ढिलाई और बढ़ गई। हालांकि, अब जब निगम चुनावों के बाद मेयर वनीत धीर की टीम को आठ–नौ महीने हो चुके हैं, तो उन्होंने निगम के विभिन्न विभागों में व्याप्त गड़बड़ियों पर सख्त रुख अपनाना शुरू कर दिया है।

पंजाब सरकार ने हाल ही में आई.ए.एस. अधिकारी संदीप ऋषि को जालंधर निगम का कमिश्नर नियुक्त किया है। वे पहले अमृतसर और लुधियाना में भी निगम कमिश्नर रह चुके हैं, इसलिए उन्हें निगम के सिस्टम की गहराई तक जानकारी है। उन्होंने पदभार संभालते ही जालंधर निगम की कार्यप्रणाली का गहन अध्ययन किया और अब मेयर के साथ मिलकर भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने की तैयारी में हैं।

सूत्रों के अनुसार फिलहाल जालंधर निगम में सबसे अधिक भ्रष्टाचार तहबाजारी विभाग में फैला हुआ है, जिस पर पहले किसी भी निगम कमिश्नर ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया था। अब मेयर वनीत धीर और कमिश्नर संदीप ऋषि ने इस विभाग को अपने रडार पर ले लिया है। बताया जा रहा है कि फील्ड में जाने वाले अधिकारियों को सख्त चेतावनी जारी की जा चुकी है कि वे निगम का रैवेन्यू बढ़ाने की दिशा में कार्य करें अन्यथा उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मेयर ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि तहबाजारी से निगम को अपेक्षाकृत बहुत कम रैवेन्यू प्राप्त हो रहा है, जबकि शहर में अवैध ढंग से लगने वाले रेहड़ी, फड़ी और खोखे लगातार बढ़ रहे हैं।

सैटिंग की सबसे बड़ी मिसाल है मॉडल टाऊन एक्सचेंज के सामने खुला ढाबा
फील्ड में रहने वाले तहबाजारी विभाग के अधिकारियों को शहर के हर कोने में लगी रेहड़ी, फड़ी और खोखों की पूरी जानकारी रहती है, फिर भी कार्रवाई नहीं की जाती। हाल ही में मॉडल टाउन टेलीफोन एक्सचेंज चौक, जी.टी.बी. नगर साइड वाले कॉर्नर पर सड़क के किनारे एक बड़ा ढाबा खोला गया है। देखने में ऐसा प्रतीत होता है मानो यह किसी निजी प्लॉट पर खोला गया हो, जबकि वास्तव में यह सड़क पर ही खाली प्लॉट के सामने कब्जा करके चलाया जा रहा है।

पहले यहां केवल दो–तीन सब्जी की रेहड़ियां लगती थीं, मगर अब इनके साथ-साथ खाने–पीने की बड़ी दुकानें और एक तरह की छोटी मंडी बन चुकी है। सड़क पर ग्राहकों के वाहन खड़े रहते हैं जिससे यातायात में बाधा आती है। बताया जाता है कि यह पूरा कारोबार तहबाजारी विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है और यहां से मंथली वसूली तक होती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मेयर और कमिश्नर, जो इस भ्रष्टाचार पर लगाम कसने की योजना बना रहे हैं, क्या वास्तव में इस अवैध कब्जे के खिलाफ ठोस कदम उठाते हैं या नहीं।

गंदगी और चूहों से परेशान हो गए हैं जी.टी.बी. नगर निवासी
मॉडल टाऊन टेलीफोन एक्सचेंज के सामने सड़क पर खुले इस अवैध ढाबे और मंडी से आसपास के इलाके में गंदगी और चूहों की भरमार हो गई है। यह चूहे आसपास की कोठियों में घुसकर काफी नुकसान भी पहुंचा रहे हैं । इससे क्षेत्र की सुंदरता पर भी बुरा असर पड़ रहा है। तरह तरह के ग्राहक यहाँ आकर पॉश कॉलोनी के सिस्टम को खराब कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने मेयर वनीत धीर और कमिश्नर संदीप ऋषि से मांग की है कि शहर को साफ–सुथरा और सुंदर बनाने के लिए चलाए जा रहे ब्यूटीफिकेशन अभियान के साथ-साथ इन सड़कों किनारे हो रहे अवैध कब्जों को भी हटाया जाए, ताकि शहर की छवि और नागरिकों की सुविधा दोनों को बनाए रखा जा सके।

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