जाने क्यों देह व्यापार को अब जाना जाने लगा हैं ‘रेड लाइट एरिया’ के नाम से…

हमारी धरती पर देह व्यापार सबसे पुराने व्यापारों में से एक है। प्राचीन सभ्यताओं में भी दे व्यापार का काफी जिक्र होता है कई इतिहासकारों को ऐसी सबूत मिले हैं जिनसे इस बात की पुष्टि होती है कि प्राचीन सभ्यताओं में भी दे व्यापार किया जाता था। आधुनिक युग में यह व्यापार संगठित हो गया है। आज के जमाने में हर बड़े शहर में एक ऐसा इलाका होता है। जिसकी पहचान देह व्यापार के स्थान के नाम पर होती है। अक्सर मीडिया में इन इलाकों को रेड लाइट एरिया कहा जाता है। पर क्या कभी आपने सोचा है कि ऐसे इलाकों को रेड लाइट एरिया क्यों रहते हैं ? हम बताते हैं आपको –

कभी आपने यह सोचा है कि जिस्म बाज़ारों को रेड लाइट एरिया कहा जाता है। इस बारे में कई मान्यताएँ प्रचलित हैं। हज़ारों वर्षों से जिस्म बाज़ार का लाल रंग से रिश्ता रहा है। लाल रंग को कामुक और संवेदनशील माना जाता रहा है। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बेल्जियम और फ्रांस के कई वेश्यालयों का वर्गीकरण किया गया था। अधिकारियों के लिए वेश्यालय के सामने नीले रंग का कोई चिन्ह लगाया जाता था।

वहीं दूसरे दर्ज़े के लोगों के लिए लाल रंगों के चिन्ह प्रयोग में लाए जाते थे। लाल रंग और वेश्याओं के बीच संबंधों के एक धार्मिक किताब से भी कुछ उदाहरण मिले हैं। इसके अनुसार रहाब नाम की वेश्या अपने घर की पहचान के लिए लाल रंग की रस्सी का प्रयोग करती थी।यौन-कर्मियों के स्थल यानी ज़िस्म बाज़ारों को वैधता प्रदान करने वाली पहल की सुगबुगाहट भारत में फिर से होने लगी है।

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