जानिए कैसे और कहां हुई थी स्वामी विवेकानंद की मृत्यु?

स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी, 1863 में कलकत्ता में हुआ था। उन्होंने युवा संन्यासी के रूप में दुनियाभर में अपनी एक अमिट पहचान बनाई है। विवेकानंद का मूल नाम वैसे नरेंद्रनाथ था। जिन्हें बचपन में परिजन नरेंद्र नाम से भी संबोधित करते थे।

स्वामी विवेकानंद

 स्वामी विवेकानंद आध्यात्मिक युवा गुरु थे। उन्होंने मानव सभ्यता को और बेहतर बनाने के लिए आधुनिक मानव से पश्चिमी विज्ञान व भौतिकवाद को भारत की आध्यात्मिक संस्कृति से जोड़ने का आग्रह किया।
 
ऐसे और यहां हुई थी मृत्यु
 
स्वामी जी की मृत्यु 4 जुलाई, 1902 को हुई। मृत्यु के पहले शाम के समय बेलूर मठ में उन्होंने 3 घंटे तक योग किया। शाम के 7 बजे अपने कक्ष में जाते हुए उन्होंने किसी से भी उन्हें व्यवधान ना पहुंचाने की बात कही और रात के 9 बजकर 10 मिनट पर उनकी मृत्यु की खबर मठ में फैल गई।
 
लेकिन, मठकर्मियों का मानना है कि स्वामी जी ने महासमाधि ली थी। तो वहीं मेडिकल रिपोर्ट के दौरान स्वामी विवेकानंद की मृत्यु दिमाग की नसें फटने के कारण हुई थी। इस तरह स्वामी विवेकानंद महज 39 साल की आयु इस नश्वर जगत को छोड़कर चले गए।
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