जंगल में पले-बढ़े ‘रियल लाइफ टार्जन’ की हुई मौत, इंसानों के बीच…

जंगल में पले-बढ़े ‘रियल लाइफ टार्जन’ की इंसानों के बीच सिर्फ 8 साल गुजारने के बाद मौत हो गई. आधुनिक दुनिया से अलग जंगल में 40 साल तक जिंदगी बिताने वाले हो वैन लैंग के बारे में लोगों को 8 साल पहले पता चला था और फिर इंसानी सभ्यता के बीच लाया गया था.

कैंसर से हुई मौत

हो वैन लैंग जंगल में बेहद स्वस्थ जीवन बिताते थे, लेकिन इंसानों के बीच आने के सिर्फ 8 साल में ही लैंग को लीवर कैंसर हो गया और उसी से उनकी मौत हो गई. पिछले सोमवार (6 सितंबर) को लैंग ने दम तोड़ दिया.

पिता के साथ जंगल में रहते थे लैंग

द सन की रिपोर्ट के अनुसार, साल 1972 में वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिकी बमबारी में हो वैन लैंग (Ho Van Lang) की मां और अन्य दो भाइयों की की मौत हो गई थी. इसके बाद अपने छोटे से बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए लैंग के पिता जंगल में जाकर छिप गए और तब से ही बाप-बेटे जंगल में रहने लगे. उस समय लैंग की उम्र सिर्फ 2 साल थी.

इंसानी सभ्यता की नहीं थी जानकारी

हो वैन लैंग ने पिता के अलावा अपने जीवन में कभी किसी दूसरे इंसान को ही नहीं देखा था. लैंग को इंसानी सभ्यता, पहनावा, खान-पान के बारे में भी कोई जानकारी नहीं थी. वह जंगल में मिलने वाली चीजें खाकर और पेड़ों के पत्ते व छाल पहनकर रहते थे. 

जंगल में लैंग का खाना

हो वैन लैंग और उनके पिता जंगल में फल, सब्जियां, शहद और कई तरह की मांस खाते थे. उनके खाने में बंदर, चूहे, सांप, छिपकली, मेंढक, चमगादड़, पक्षियों और मछली सहित कई तरह के मांस शामिल थे. 

महिलाओं के बारे में नहीं थी जानकारी

इसके अलावा हो वैन लैंग ने कभी भी किसी महिला को नहीं देखा था और इसकी कोई जानकारी भी नहीं थी. इंसानों के बीच आने के बाद जब उनसे महिला के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि उनके पिता ने इसके बारे में कुछ नहीं बताया है. 

मॉडर्न लाइफ में नहीं हो पाए एडजस्ट

डू कास्टवे नाम की एक कंपनी, जो लोगों को जंगलों में रहने के ट्रिक्स सिखाती है. इंसानों के बीच आने के बाद उस कंपनी के एलवरो सेरेजो ने हो वैन लैंग से मुलाकात की थी. उन्होंने बताया कि उनकी मौत इंसानी दुनिया में आने के बाद हुए बदलाव के कारण हुई है. लैंग तैयार खाद्य पदार्थ खाने लगे थे और शराब भी पीने लगे थे. उन्होंने कहा कि मैं लैंग के जाने से बहुत दुखी हूं, लेकिन मेरे लिए उनका जाना भी एक मुक्ति है क्योंकि मुझे पता है कि वह पिछले कई महीनों से पीड़ित थे. 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button