चिदंबरम के 26/11 पर राजफाश के बाद माफी मांगें कांग्रेस, भाजपा बोली- चुकाई पापों की भारी कीमत

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के इस राजफाश के बाद कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली तत्कालीन संप्रग सरकार ने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के बाद सैन्य प्रतिशोध पर विचार किया था लेकिन अमेरिका के दबाव और कूटनीतिक सलाह के कारण ऐसा नहीं किया भाजपाई मंत्रियों व वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। कहा- इसके लिए तत्कालीन गृह मंत्री चिदंबरम और सोनिया गांधी को माफी मांगी चाहिए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के इस राजफाश के बाद कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली तत्कालीन संप्रग सरकार ने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के बाद सैन्य प्रतिशोध पर विचार किया था लेकिन अमेरिका के दबाव और कूटनीतिक सलाह के कारण ऐसा नहीं किया, भाजपाई मंत्रियों व वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला।

उन्होंने कहा- इसके लिए तत्कालीन गृह मंत्री चिदंबरम और सोनिया गांधी को माफी मांगी चाहिए। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि भारत ने कांग्रेस द्वारा किए गए पापों की भारी कीमत चुकाई है वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने विपक्षी पार्टी पर 2011 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों के बाद स्थिति को गलत तरीके से संभालने का आरोप लगाया।

रिजीजू ने कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की हालिया टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब समय बदल गया है। भारत अब किसी भी आतंकी हमले को सहन नहीं करेगा।”

केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने चिदंबरम के साक्षात्कार का क्लिप साझा करते हुए लिखा- ”17 साल बाद, अब चिदंबरम स्वीकार करते हैं कि 26/11 को विदेशी शक्तियों के दबाव के कारण गलत तरीके से संभाला गया।”

उन्होंने कहा कि अमेरिका व अन्य देशों के दबाव में संप्रग सरकार ने सैन्य प्रतिशोध नहीं किया।आइएएनएस के अनुसार, चिदंबरम की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा- ”यह बिल्कुल भी चौंकाने वाला नहीं है। हम लंबे समय से यही कह रहे हैं। यह उनकी कमजोरी थी।

चिदंबरम को इतने वर्षों बाद अचानक यह सब याद क्यों आया?” भाजपा सांसद अरुण साओ ने कांग्रेस की राष्ट्रीय सुरक्षा को संभालने की नीति की आलोचना करते हुए

कहा- ”अगर देश पर आतंकी हमला होता है, तो सरकार को दबाव में नहीं आना चाहिए। जैसे अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सीमा पार आतंकवाद को करारा जवाब दे रहा है। यह सब नेतृत्व की क्षमता पर निर्भर करता है। कांग्रेस पाकिस्तान के साथ खड़ी नजर आती है। वे सेना पर सवाल उठाते हैं, संविधान की अनदेखी करते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति कोई ¨चता नहीं दिखाते।”

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