घाटे के चलते Vodafone कारोबारी भारतीय बाजार से निकलने की तैयारी में
टेलीकॉम सेक्टर में कर्ज संकट के बीच एक और बुरी खबर सामने आ रही है। ऐसी खबरें हैं कि टेलीकॉम ऑपरेटर वोडाफोन भारत से बोरिया-बिस्तर समेटने की तैयारी में है। वोडाफोन आइडिया की संयुक्त कंपनी का परिचालन नुकसान लगातार बढ़ता जा रहा है। कंपनी हर महीने लाखों की संख्या में सब्सक्राइबर गंवा रही है।
इसके साथ ही शेयरों में गिरावट के चलते इसका बाजार पूंजीकरण भी लगातार घटता जा रहा है। इन सब कारणों के चलते वोडाफोन अपना भारतीय बिजनेस कभी भी समेट सकती है। आइएएनएस ने मूल रूप से इस ब्रिटिश कंपनी के प्रवक्ता से इन खबरों का सच जानना चाहा। एजेंसी को वोडाफोन ग्रुप पीएलसी के कॉरपोरेट कम्यूनिकेशंस प्रमुख बेन पैडोवान से यह सवाल पूछने को कहा गया।
हालांकि उन्होंने अभी तक न तो इन खबरों की पुष्टि की है और न खंडन किया है। लेकिन चर्चा है कि कंपनी भारतीय परिचालन किसी भी वक्त बंद करने पर विचार कर रही है। खबरें यह भी थीं कि वोडाफोन आइडिया ने कर्ज पुनर्गठन के लिए कर्जदाताओं से बातचीत शुरू की है। हालांकि कंपनी ने बुधवार को स्पष्ट तौर पर इसका खंडन करते हुए कहा कि ऐसी खबरें निराधार हैं और कंपनी सभी कर्ज का तय समय पर भुगतान करने की हालत में है।
जानकारों के मुताबिक एजीआर पर सुप्रीम कोर्ट के पिछले सप्ताह के फैसले ने वोडाफोन की राह और मुश्किल कर दी है। इसकी वजह यह है कि वोडाफोन आइडिया पर एकाएक हजारों करोड़ रुपये का टैक्स चुकाने का संकट सामने है। कंपनी ने यह भी कहा है कि वह फैसले का अध्ययन कर रही है और जरूरत पड़ी तो कानूनी मदद लेने से भी नहीं हिचकेगी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एजीआर के मामले में अब कोई मुकदमेबाजी नहीं होगी।