मोदी सरकार ने सेना को दिया ये नया हथियार, अब पत्थरबाजों पर बरसेगी सिर्फ बद्बू!
इत्र की खूशबू के लिए मशहूर कन्नौज अब जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजों को लगाम लगाने के लिए घाटी में दुर्गंध फैलाने जा रहा है. घाटी के पत्थरबाजों को निगाह में रखते हुए कन्नौज स्थित फ्रैग्नैंस एंड फ्लेवर डेवलपमेंट सेंटर (एफएफडीसी) के वैज्ञानिकों ने एक नया दुर्गंध युक्त कैप्सूल विकसित किया है. एफएफडीसी के प्रिंसिपल डायरेक्टर शक्ति विनय शुक्ला ने कहा कि इस कैप्सूल को टीयर गन्स से फायर किए जाने के साथ धुआं उठेगा, जिसकी गंध को बर्दाश्त करना संभव नहीं होगा.
स्वास्थ्य पर असर नहीं
खबर के मुताबिक डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) और रक्षा मंत्रालय की आवश्यक मंजूरी और स्वीकृति के बाद इसे आर्मी को सौंपा जाएगा. दिलचस्प ये है कि इस कैप्सूल की गंध ही असहनीय है और व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका कोई असर नहीं होता है.
विवादों में रहा है पैलेट गन का उपयोग
बता दें कि मौजूदा समय में पत्थरबाजों को रोकने के लिए सुरक्षा बल पैलेट गन का उपयोग कर रहे हैं. हालांकि इसके चलते सैकड़ों लोगों की आंखों को नुकसान पहुंचा है और इसका उपयोग विवाद का विषय रहा है. हालांकि पुलिस का कहना है कि यह घातक हथियार नहीं है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि पैलेट गन से घायल लोग हमेशा के लिए अपंग हो जाते हैं.
रक्षा मंत्रालय ने दी ट्रायल की मंजूरी
ट्रायल सफल होने के बाद भारतीय सेना इसका उपयोग कर सकती है. हालांकि माइक्रो मीडियम और स्मॉल इंडस्ट्रीज राज्य मंत्री गिरिराज सिंह को इस बारे में पहले ही बता दिया गया है. ये गिरिराज सिंह की ही पहल है कि रक्षा मंत्रालय ने इसके ट्रायल को मंजूरी दी है.