गोवा जाने का नहीं बन रहा प्लान, तो घूम आएं महाराष्ट्र का सिंधुदुर्ग

सिंधुदुर्ग इतिहास प्रकृति और सुकून के पल बिताने वाले डेस्टिनेशन का बेहतरीन कॉम्बिनेशन है। यहां आपको बीचेस मिलेंगे कई मंदिर और फोर्ट भी जहां आप अपनी पसंद के अनुसार घूमने का मजा ले सकते हैं। आइए जानते हैं यहां घूमने लायक जगहों और यहां पहुंचने के साधन के बारे में।
महाराष्ट्र में घूमने लायक कई सारी जगह मौजूद हैं। यही वजह है कि दूर-दूर से लोग यहां घूमने आते हैं। मुंबई, रायगढ़ जैसी जगह के बारे में तो कई लोग जानते हैं, लेकिन यहां एक ऐसी जगह भी है, जिसे महाराष्ट्र का गोवा कहा जाता है।
हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में स्थित खूबसूरत जिला सिंधुगदुर्ग की, जो अपने खूबसूरत बीच, ऐतिहासिक फोर्ट और स्वादिष्ट सीफूड के लिए जाना जाता है। आइए इस शहर को थोड़ा करीब से जानते हैं।
ऐसे पहुंचें सिंधुदुर्ग
ट्रेन से: सिंधुदुर्ग में अपना रेलवे स्टेशन और रेलमार्ग से काफी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
सड़कमार्ग से: आप नेशनल हाईवे 17 के माध्यम से सड़क के रास्ते सिंधुदुर्ग पहुंच सकते हैं। महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों से सिंधुदुर्ग के लिए राज्य परिवहन निगम की काफी सारी बसें मिल जाती हैं।
हवाई मार्ग से: यहां पहुंचने के लिए सबसे करीबी एअरपोर्ट गोवा में बना डाबोलिम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
इन जगहों पर ले सकते हैं घूमने का मजा
सिंधुदुर्ग के बीच
यह शहर अपने बीचों (Beaches) के लिए जाना जाता है। कोंकण के तट पर एक लाइन से बने ये बीचेस अरब सागर के नीले, साफ पानी को देखने का मौका देते हैं। तारकरली, शिरोडा, निवाती, भोगवे, कुंकेश्वर, मोचेमाड, अचरा, वयंगनी और रेडी यहां के कुछ प्रसिद्ध बीचेस हैं।
महाराष्ट्र सबसे खूबसूरत वॉटरफॉल्स
सिंधुदुर्ग में आपको महाराष्ट्र के कुछ बेहद ही सुंदर वॉटरफॉल देखने को मिलेंगे। उनमें से सबसे ज्यादा मशहूर वॉटरफॉल्स में एक है, वैभववाड़ी के शेरपे गांव का नापने वॉटरफॉल और सह्याद्री रेंज का अंबोली फॉल्स।
सिंधुदुर्ग का सूनामी आईलैंड
यह मालवन में तारकरल्ली नदी के डेल्टा पर स्थित एक छोटा सा द्वीप है। यह जगह वॉटर स्पोर्ट्स और रोमांचक बोट राइड का हब है।
यहां की झीलें
सावंतवाड़ी पैलेस के सामने बना मोती तालाब फिशिंग और बोटिंग के लिए काफी अच्छी जगह है। धामपुर में एक और प्रसिद्ध झील है, जोकि सिंधुदुर्ग की सबसे बड़ी झील मानी जाती है।
सावंतवाड़ी पैलेस
सिंधुदुर्ग का सबसे नामी म्युजियम है सावंतवाड़ी पैलेस। यह महल पहले भोसले राजाओं का हुआ करता था और फिर सावंतवाड़ी के शासकों का हो गया। अब इस ऐतिहासिक इमारत को म्यूजियम में तब्दील कर दिया गया है। यहां राजसी आभूषण, पेंटिग्स रखी गई हैं। यह देश का सबसे बड़ा म्यूजियम हैं जहां पारंपरिक लाह के बरतनों का सबसे बड़ा संग्रह है।
वेंगुर्ला फ्रूट रिसर्च सेंटर
मंदिरों और ऐतिहासिक स्थलों के अलावा यहां स्थित वेंगुर्ला फ्रूट रिसर्च सेंटर एक प्रसिद्ध जगह है। इस इंस्टीट्यूट में आम, काजू और जामुन जैसे फसलों की क्वालिटी को बेहतर बनाने पर रिसर्च की जाती है।