गूगल और एप्पल जैसी कंपनियों में नौकरी की मांग जानिए क्या है कोर्स

पहले पढ़ाई फिर कमाई का दौर तेजी से बदल रहा है। आज के युवा पढ़ाई के साथ-साथ कमाई भी करना चाहते हैं। इसके पीछे युवाओं की अलग-अलग सोच है। कोई परिवार की आर्थिक रूप से सहायता करना चाहता है तो कोई कॉलेज के समय से ही आर्थिक मामलों में आत्मनिर्भर होने की तमन्ना रखता है। जिससे अपनी जरूरतों के लिए दूसरों के सामने हाथ न फैलाना पड़े या फिर आने वाली आर्थिक चुनौतियों के लिए खुद को पहले से ही तैयार रखना होगा।

ऐसे में कई ऐसे कोर्सेज की मांग बढ़ी है, जो नौकरी के लिहाज से डिजाइन किए गए हैं। इनमें से एक है – स्टोरेज एरिया नेटवर्क (SAN)। गूगल, एपल और आईबीएम जैसी कंपनियों में सैन मशीनें काम करती हैं। ताकि उनके डाटा और आईटी सिस्टम का सही तरीके से प्रबंधन किया जा सके। इन मशीनों से ही क्लाउड का जन्म हुआ। क्लाउड एक प्रोसेस है, जहां सॉफ्टवेयर के साथ डाटा कंट्रोल और मैनेज किया जाता है।

स्टोरेज एरियर नेटवर्क (सैन) कोर्स :
यह कोर्स अलग-अलग संस्थानों में 18 महीने से लेकर 2 साल तक कराया जाता है। कोर्स के शुरुआती 8 से 10 महीनों तक थ्योरी और प्रैक्टिकल करवाए जाते हैं। इसके बाद संबंधित कंपनियों में इंटर्नशिप करवाई जाती है।

योग्यता :
यह कोर्स 12वीं या स्नातक / बीटेक / बीएड के छात्र सीधे कर सकते हैं। लेकिन 12वीं के छात्रों को एक से दो माह का फाउंडेशन कोर्स कराया जाता है, जिसमें वे तकनीक से रूबरू होते हैं। फिर आगे की पढ़ाई करते हैं। सैन मशीन में प्रशिक्षण से ही क्लाउड सर्विस सभव हो सकती है। परन्तु देश में बहुत कम संस्थान जहां सैन मशीन है और इसकी पढ़ाई कराई जाती है। इस कोर्स में बेसिक रोबोटिक्स की ट्रेनिंग भा दी जाती है।

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