अभी-अभी: गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने किया ये बड़ा ऐलान- अब ऐसे होगा चुनाव
गुजरात विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. चुनाव आयोग ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान किया. गुजरात में दो चरण में चुनाव होगा, पहले चरण में 89 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा. पहले चरण के लिए 9 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. दूसरे चरण में 93 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा, दूसरे चरण के लिए 14 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. वोटों की गिनती 18 दिसंबर को होगी. पहले फेज़ में 19 जिले में वोटिंग होगी, तो वहीं दूसरे फेज़ में 14 जिले में वोट डाले जाएंगे.
प्रेस कान्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति ने कहा कि गुजरात की 182 सीटों पर कुल 4.30 करोड़ वोटर हैं. चुनावों के लिए 50,128 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि गुजराती भाषा में भी वोटिंग गाइड दी जाएगी. चुनावों में VVPAT का इस्तेमाल होगा.
अचल कुमार ज्योति ने कहा कि हर पोलिंग बूथ पर एक महिला चुनावकर्मी मौजूद रहेगी, ऐसा गुजरात के चुनावों में पहली बार होगा. सभी उम्मीदवारों को हलफनामा भरना होगा. अगर हलफनामे में कोई भी कॉलम खाली रहता है, तो उम्मीदवार को नोटिस भेजा जाएगा. हर सीट की पोलिंग बूथ की VVPAT पर्चियों की गिनती होगी. 102 बूथ पर महिला पोलिंग स्टाफ मौजूद रहेगा.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी बड़ी चुनावी रैलियों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी. आज से ही आचार संहिता लागू होगी. इसके अलावा बॉर्डर चेकपोस्ट की भी सीसीटीवी के द्वारा निगरानी रखी जाएगी.
उम्मीदवार कर सकता है 28 लाख का खर्च
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हर उम्मीदवार 28 लाख रुपये ही खर्च कर सकता है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट खर्च पर निगरानी रखेगा, इसके अलावा बाहर से शराब लाने पर भी नजर रखी जाएगी. हर उम्मीदवार को अपना अलग नया खाता खोलना होगा, उससे ही वह चुनावी खर्च कर सकेगा.
हिमाचल प्रदेश चुनावों की तारीख का ऐलान करने के बाद लगातार विपक्ष चुनाव आयोग पर गुजरात की तारीखों का ऐलान ना करने के लिए निशाना साध रहा था. आपको बता दें कि 18 दिसंबर को हिमाचल चुनाव की मतगणना होगी.
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बाढ़ राहत कार्यों की वजह से देरी
मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति ने कहा था कि बाढ़ से प्रभावित गुजरात में राहत कार्य जारी है और ऐसे में काफी संख्या में सरकारी बल इस कार्य में लगा हुआ है. राज्य सरकार के 26443 कर्मचारियों को चुनाव की ड्यूटी में लगाया जाना है. जो स्टाफ अभी राहत कार्य में लगा हुआ है, उसी स्टाफ को चुनाव की ड्यूटी में भी लगाया जाएगा क्योंकि चुनाव आयोग स्टाफ की आपूर्ति नहीं करता है.