गणेशजी के पूजन से क्यों प्राप्त होती है मां लक्ष्मी की कृपा?

lakshmi-1447150566 (1)जयपुर। शास्त्रों में कहा गया है कि मां लक्ष्मी ने गौरीपुत्र गणेश को प्रथम पूज्य होने का वर देते हुए यह आशीर्वाद दिया था कि उनकी उपासना से मनुष्य पर लक्ष्मी कृपा भी बनी रहेगी। आइए जानें भगवान गणेश की विधिवत पूजा के मंत्र- 

श्री गणेश बीज मंत्र: ॐ गं गणपतये नमः॥ 

भगवान गणपति की पूजा के दौरान इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें सिंदूर अर्पण करना चाहिए: 

सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ 

इस मंत्र का जाप करते हुए गौरीपुत्र गणेश को अक्षत(चावल) चढ़ाएं: अक्षताश्च सुरश्रेष्ठं कुम्कुमाक्तः सुशोभितः। माया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरः॥ 

इस मंत्र का जाप करते हुए श्री गणेश को दूर्वा चढ़ाएं: 

त्वं दूर्वेस्मृतजन्मानि वन्दितासि सुरैरपि। सौभाग्यं संततिं देहि सर्वकार्यकरो भव॥ 

गणपति पूजा में इस मंत्र से भगवान गणेश को यज्ञोपवीत समर्पण करना चाहिए: 

नवभिस्तन्तुभिर्युक्तं त्रिगुणं देवतामयम्। उपवीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वर॥ 

पुष्प समर्पित करने के लिए यह गणेश मंत्र: 

पुष्पैर्नांनाविधेर्दिव्यै: कुमुदैरथ चम्पकै:। पूजार्थ नीयते तुभ्यं पुष्पाणि प्रतिगृह्यतां॥ 

गणेश जी को भोग लगाते समय इस मंत्र का जाप करें: 

शर्कराघृत संयुक्तं मधुरं स्वादुचोत्तमम। उपहार समायुक्तं नैवेद्यं प्रतिगृह्यतां॥ 

यह गणेश वंदना मंत्र है: 

वन्‍दहुं विनायक, विधि-विधायक, ऋद्धि-सिद्धि प्रदायकम्। गजकर्ण, लम्बोदर, गजानन, वक्रतुण्ड, सुनायकम्॥ श्री एकदन्त, विकट, उमासुत, भालचन्द्र भजामिहम। विघ्नेश, सुख-लाभेश, गणपति, श्री गणेश नमामिहम॥ 

गणेश पूजा के बाद इस मंत्र से भगवान को प्रणाम करना चाहिए: 

विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय , लंबोदराय सकलाय जगध्दिताय। नागाननाय श्रुतियग्यविभुसिताय, गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥ 

किसी भी कार्य के शुरू में गणेश जी को इस मंत्र से प्रसन्न करना चाहिए: 

ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा॥

 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button